दशहरा के दिन देवी प्रतिमा विसर्जन के दाैरान हुए हादसे में उटंगन नदी में डूबे खेरागढ़ के गांव कुसियापुर निवासी वीनेश (18) और ओकेश उर्फ ओके (16) के शव सोमवार को मिल गए। सेना और एनडीआरएफ के जवानों ने ग्रामीणों की मदद से पानी में बने गड्ढे से मिट्टी हटाने के लिए कंप्रेसर का प्रयोग किया। इससे दोनों शव तीन घंटे के अंतराल में मिल गए। पांच दिन में आठ शव निकाले जा चुके हैं। चार लोग अब भी लापता हैं। इनकी तलाश में मंगलवार सुबह फिर तलाशी अभियान चलाया जाएगा। वहीं, घटना के बाद बचाए गए युवक विष्णु को बुलाकर जवानों ने सीन रीक्रिएट भी किया।

उटंगन नदी में 2 अक्तूबर को एक साथ 13 लोग देवी प्रतिमा विसर्जन के दाैरान डूब गए थे। सभी गांव कुसियापुर के रहने वाले थे। विष्णु को स्थानीय गोताखोर ने तुरंत बचा लिया था, जबकि 12 लोगों में से शनिवार तक पांच के शव निकाले गए थे। तलाशी अभियान में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी की फ्लड कंपनी के साथ ही सेना की 50 पैरा ब्रिगेड की यूनिट के जवान लगे हैं। पानी रोकने के लिए नदी पर अस्थायी बांध बनाया गया था, लेकिन राजस्थान से पानी छोड़े जाने के कारण जलस्तर बढ़ गया। इससे तलाशी अभियान में बाधा आ गई।विज्ञापन
वहीं जिस स्थान पर युवकों के डूबने की बात कही गई है, वहां पर 25 से 30 फीट गहरा गड्ढा है। इस गड्ढे में ही तलाशी अभियान चल रहा है। स्कूबा डाइवर पानी के अंदर तक गोता लगा रहे हैं। रविवार को कंप्रेसर की मदद से मिट्टी हटाने पर एक शव मिल गया था। सोमवार को ग्रामीणों की मदद से तीन कंप्रेसर मशीनों से जवानों ने तलाश की। सबसे पहले दोपहर में 2:50 बजे वीनेश का शव निकाला गया।
इसके बाद शाम 6:10 बजे ओकेश का शव भी मिल गया। दोनों शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए। वहीं, पुलिस आयुक्त दीपक कुमार और जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी भी घटनास्थल पर माैजूद रहे। वह पूरे तलाशी अभियान पर नजर रख रहे हैं। पुलिस आयुक्त ने बताया कि लापता चार लोगों की तलाश में मंगलवार को अभियान जारी रहेगा।