अलीगढ़: तालों की नगरी में सांड के आतंक ने लोगों में दहशत फैला दी है. गांधी पार्क और क्वार्सी थाना क्षेत्र में सोमवार को सांड ने सड़क पर उत्पात मचाया.साड़ ने राह चलते लोगों पर हमला कर दिया, जिससे दो लोगों की मौत हो गई और छह घायल हो गए. यह घटनाएं डोरी नगर, नगला तिकोना और मानसरोवर क्षेत्र में हुईं. घायलों का अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि शवों को परिजनों को सौंप दिया गया है. बाद में साड़ की भी मौत हो गई.

डोरी नगर से ज्ञान सरोवर तक मचाया उत्पातः प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सांड ने डोरी नगर से लेकर ज्ञान सरोवर तक कई लोगों को निशाना बनाया. सांड की तेज रफ्तार और आक्रामकता देखकर लोग इधर-उधर भागने लगे. सांड ने कई राहगीरों को सींगों से उठाकर पटक दिया. एक घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें दिख रहा है लोग सड़क किनारे ठेले के पर खड़े हैं. तभी अचानक सांड आता है और युवक को हवा में उछालते हुए सड़क किनारे फेंक देता है.
कई घायल अस्पताल में भर्तीः जिलाधिकारी संजीव रंजन के मुताबिक, सांड के हमले में नगला तिकोना निवासी ध्रुव पाल और बरोला फाटक निवासी भोला की मौत हो गई है. भोला आटा मांगने का काम करते थे. परिजनों ने बताया कि सोमवार सुबह वह रोज की तरह निकले थे, तभी रास्ते में सांड ने उन पर हमला कर दिया. गंभीर रूप से घायल भोला को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. मलखान सिंह जिला अस्पताल के डॉक्टर अमित सिंह ने बताया कि भोला को मृत अवस्था में लाया गया था. वहीं, गांधी पार्क थाना क्षेत्र के मानसरोवर कॉलोनी में दूध लेने गए एक अन्य व्यक्ति पर भी सांड ने हमला किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हैं, उनका इलाज जेएन मेडिकल कॉलेज में चल रहा है.
सांड को था रेबीज संक्रमणः नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर राजेश कुमार ने बताया कि जांच में सांड में रेबीज बीमारी के लक्षण पाए गए. इस बीमारी से पीड़ित जानवर अत्यधिक हिंसक और असामान्य व्यवहार करने लगते हैं. घटना के बाद सांड की भी मौत हो गई. डॉक्टरों के अनुसार, रेबीज संक्रमित जानवर इंसानों के लिए घातक साबित हो सकते हैं, इसलिए ऐसे मामलों में सावधानी और तत्काल उपचार जरूरी है.
मृतकों के परिजनों को मिलेगी मददः जिलाधिकारी संजीव रंजन ने बताया कि जानकारी मिली है कि एक सांड रेबीज से ग्रस्त था. अचानक से सांड ने लोगों पर हमला किया जिसमें 2 लोगों की मृत्यु हो गई. रेबीज के कारण बाद में सांड की भी मृत्यु हो गई. यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. शासन की ओर से नियमों के अनुसार पीड़ित परिवारों आर्थिक सहायता दी जाएगी. नगर निगम और पशु चिकित्सा विभाग को आवारा पशुओं की निगरानी और नियंत्रण के लिए त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. गौशालाओं से किसी भी सांड के बाहर निकलने की शिकायत नहीं मिली है.
लोगों में दहशत, सुरक्षा पर उठे सवाल: इन घटनाओं के बाद स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है. लोगों का कहना है कि शहर में आवारा सांड और गायों की समस्या लंबे समय से बनी हुई है, लेकिन नगर निगम इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठा रहा. अब यह घटना प्रशासन के लिए चेतावनी है कि सार्वजनिक सुरक्षा और पशु प्रबंधन दोनों ही क्षेत्रों में तत्काल सुधार की आवश्यकता है.