उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने किसानों को बड़ी सौगात दी है. इससे राज्य के लाखों किसानों को सीधा लाभ मिलेगा. दरअसल, रबी सीजन की सबसे महत्वपूर्ण और सर्वाधिक उगाई जाने वाली फसल गेहूं है. इसी क्रम में रबी सीजन में प्रदेश के सभी 75 जनपदों में सुचारू रूप से आच्छादन हो सके इसके लिए प्रदेश के कृषि विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. इसकी जानकारी प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से किसानों को दी है.

10 लाख से अधिक किसानों को निःशुल्क बीज मिनीकिट
कृषि मंत्री श्री शाही ने किसानों को आश्वस्त किया है कि प्रदेश की योगी सरकार द्वारा रबी सीजन के लिए बीज और खाद की समुचित व्यवस्था कर ली गई है. उन्होंने बताया कि दलहन और तिलहन में उत्तर प्रदेश और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश के 10 लाख से अधिक किसानों को ऑनलाइन आवेदन पर लाटरी के माध्यम से निःशुल्क मिनीकिट उपलब्ध करा रही है. वहीं बाकी किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर किसान कल्याण केन्द्र (उप्र कृषि विभाग के बीज गोदाम) पर आधारीय और प्रमाणित उत्कृष्ट बीज (गेहूं, चना, मसूर, दालवाली मटर, सरसों आदि के बीज आधे दाम पर किसानों को जोत के आवश्यकता के अनुसार उपलब्ध करा रही है.
8 प्रकार की फसलों और प्रजातियों के बीज पर अनुदान
शाही जानकारी दी है कि 8 प्रकार की फसलों/प्रजातियों के बीज अनुदान पर दिए जा रहे हैं. जिसमें गेहूं (सामान्य प्रजातियां) और गेहूं डीबीडब्ल्यू के लिए विक्रय दर 4680/- रुपये प्रति क्विंटल है, जिस पर सरकारी अनुदान 2340/- रुपये है और कृषक अंश भी 2340/- रुपये है. इसी प्रकार, राई (बाजरा प्रजातियां) और तोरिया (आजकल/अगेती) के बीज प्रमाणित प्रकार के हैं. तोरिया का विक्रय दर सर्वाधिक 11147/- रुपये है, जिस पर 5500/- रुपये का अनुदान और 5647/- रुपये का कृषक अंश है.
वहीं राई/सरसों का विक्रय दर 10317/- रुपये है, जिस पर अनुदान 5153/- रुपये और कृषक अंश 5164/- रुपये है. चना (समस्त प्रजातियां) के बीज का विक्रय दर 10320/- रुपये है, जिस पर 5160/- रुपये का अनुदान और कृषक अंश भी 5160/- रुपये है. जबकि मसूर का विक्रय दर 11048/- रुपये है, जिस पर अनुदान 5523/- रुपये और कृषक अंश 5525/- रुपये है. जौ बीज की विक्रय दर 7093/- रुपये है, जिस पर अनुदान 3574/- रुपये और कृषक अंश 3519/- रुपये है.
कृषि मंत्री शाही ने किसानों से की अपील
उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे प्राप्त नवीन बीज का समुचित भण्डारण, सही ढंग से बोआई और पक्षियों एवं अन्य कृषक जीवों से बचाव की उचित देख-रेख करें ताकि बीज का अच्छा अंकुरण हो सके. किसानों से अपील की है कि वे सरकार द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान पर दिए जा रहे बीजों के लिए कोई भी अतिरिक्त मूल्य का भुगतान न करें.
रबी सीजन के लिए पर्याप्त खाद उपलब्ध
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि प्रदेश में खाद की भी कोई कमी नहीं है. सभी 75 जिलों में पर्याप्त मात्रा में डीएपी, एनपीके, एसएसपी, पोटाश उपलब्ध है. डीएपी 4 लाख 79 हजार मीट्रिक टन, एनपीके 4 लाख 82 हजार मीट्रिक टन, एसएसपी 3 लाख 2 हजार मीट्रिक टन, यूरिया 11 लाख 84 हजार मीट्रिक टन, पोटाश 95 हजार मीट्रिक टन। इसमें सहकारी समितियों पर डीएपी 2 लाख 28896 मीट्रिक टन, एनपीके 1 लाख 34 हजार मीट्रिक टन तथा यूरिया 5 लाख 3201 मीट्रिक टन है.












