संचार नाउ। भारतीय मोटरस्पोर्ट प्रेमियों के लिए रोमांचक खबर है—विश्व की दूसरी सबसे तेज़ रेसिंग सीरीज़, जापान की प्रतिष्ठित सुपर फॉर्मूला, अब भारत के ग्रेटर नोएडा के फार्मूला वन में अपने आयोजन को लेकर गंभीर विचार कर रही है। जापान रेस प्रमोशन कॉर्पोरेशन (JRC) के शीर्ष अधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल हाल ही में यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण से मिला और इस ग्लोबल रेसिंग इवेंट को भारतीय धरती पर कराने की मंशा जताई।

दरअसल, 1973 में शुरू हुई सुपर फॉर्मूला अब वैश्विक स्तर पर अपना 50वां साल मना रही है और इसमें दुनिया भर के दिग्गज ड्राइवर हिस्सा लेते हैं। इस साल 17 वर्षीय Juju Noda के भाग लेने से पहली बार जापान की कोई महिला ड्राइवर इस सीरीज़ में शामिल हुई हैं, जो इसकी समावेशी और प्रगतिशील सोच को दर्शाता है। सुपर फॉर्मूला का डिजिटल प्लेटफॉर्म SFGo वर्तमान में 50,000 से ज्यादा ग्लोबल यूजर्स को रीयल-टाइम डेटा मुहैया कराता है, वहीं सोशल मीडिया पर भी इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है।

जापान के प्रतिनिधिमंडल में JRC के अध्यक्ष योशिहिसा उएनो, टेक्निकल डायरेक्टर टकुया होरी, कॉरपोरेट स्ट्रैटेजी के जीएम ताकाशी मात्सुई और इंटरनेशनल सेल्स-मार्केटिंग के असिस्टेंट मैनेजर गेन्की मियुरा शामिल रहे। इन्होंने यमुना अथॉरिटी के सीईओ राकेश कुमार सिंह, एसीईओ नागेंद्र प्रताप सिंह और ओएसडी शैलेन्द्र भाटिया से मुलाकात की तथा सेक्टर 25 स्थित बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट का निरीक्षण भी किया। इससे संकेत मिल रहे हैं कि सुपर फॉर्मूला भारत के मोटरस्पोर्ट कैलेंडर में जुड़ सकता है, जिससे देश के रेसिंग परिदृश्य में ऐतिहासिक बदलाव संभव है।
भारत में सुपर फॉर्मूला रेसिंग के आयोजन से न केवल देश के मोटरस्पोर्ट्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिलेगी, बल्कि युवाओं को विश्वस्तरीय रेसिंग से सीधा जुड़ाव, स्थानीय प्रतिभाओं के लिए नया मंच व खेल पर्यटन व अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। देश में मोटरस्पोर्ट्स का बढ़ता रुझान और दर्शकों का तेजी से बढ़ता आधार ऐसे ऐतिहासिक आयोजन के लिए आदर्श माहौल बना रहे हैं। अगर सुपर फॉर्मूला इंडिया आती है तो यह देश की मोटरस्पोर्ट्स संस्कृति को नया आयाम दे सकती है।













