CM योगी ने लॉन्च किया ‘YAKSH’ ऐप, माफिया और अपराधियों की पूरी जानकारी अब सिर्फ एक क्लिक पर

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लखनऊ। पुलिस मुख्यालय पर जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यक्ष एप का लोकार्पण किया तो लोग यह जानने के लिए व्यग्र हो गए कि यह प्रयोग अपराध पर नियंत्रण कैसे करेगा? लेकिन जैसे ही एप को लेकर प्रजेंटेशन दिया गया, पुलिस अधिकारी भी हैरान रह गए।

यह एप एआई के माध्यम से अपराधियों की लोकेशन, उनकी आवाजाही, आवाज और अपराध के नेचर समेत सभी पहलुओं का पीछा करेगा। यह एप तकनीकी दक्षता की वजह से मिलकर काम करने वाले गैंगों को भी उखाड़ फेंकने में कारगर होगा।

‘बीट के अपराधी की जिम्मेदारी बीट सिपाही के नाम’ के सिद्वान्त पर पुलिसकर्मियों की जबावदेही तय होगी। बीट कर्मचारी प्रत्येक अपराधी का सत्यापन उसके रहने के स्थान पर जाकर कर करेगें और आवश्यकतानुसार गांव, व मोहल्ले के व्यक्तियों,परिवार के सदस्यों से वार्ता कर सही-सही जानकारी भरेंगे।

इससे सक्रिय अपराधियों, माफिया, हिस्ट्रीशीटर, जिला बदर व वांटेड समेत अन्य गतिविधियों की सटीक निगरानी एवं रोकथाम होगी। एआई पावर्ड फेसियल रिकगनीशन के माध्यम से संदिग्ध अपराधियों की पहचान आसान होगी। इस एप में एआई पावर्ड वायस सर्च की भी तकनीक होगी। टॉप-10 अपराधियों के चयन प्रभावी प्रकिया अपनाई जा सकेगी।

किसी जघन्य व सनसनीखेज आपराधिक घटना के घटित होने या उसके समाधान के लिए उपरोक्त डाटाबेस से तत्काल संभावित अपराधियों का चिन्हांकन एवं उनकी लोकेशन पता करने में मदद मिलेगी।

सीसीटीएनएस पर दर्ज अभियोग में आरोपपत्र होने के पश्चात अभियोग से सम्बन्धित अभियुक्तों का विवरण एप ापर स्वत: प्रदर्शित होगा। सजायाफ्ता अपराधियों की निगरानी और हिस्ट्रीशीटर की निगरानी एवं लाइसेन्सी शस्त्रों एवं कारतूसों के सत्यापन में भी मदद मिलेगी।

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यक्ष एप अभियुक्तों की श्रेणीवार कलर कोडिंग करेगा, यानी घटित अपराध की संवेदनशीलता, समय,प्रयुक्त हथियार के अनुसार अभियुक्त का स्कोर निर्धारण कर उसे श्रेणीबद्ध किया जाएगा। अगर कोई अभियुक्त सत्यापन के दौरान निवास स्थान छोड़कर अन्य स्थान पर जाता है तो बीट कर्मचारी द्वारा यह रिपोर्ट दर्ज करने पर गन्तव्य स्थान के थाना क्षेत्र के सम्बन्धित बीट कर्मचारी को अलर्ट प्राप्त हो जायेगा।

क्राइम जीपीटी एक नई तकनीक है जो अपराध से जुड़े डेटा का विश्लेषण करती है। यह यक्ष ऐप में उपलब्ध है। इसके आप अपराधियों और अपराध से जुड़े सवाल साधारण बातचीत की तरह पूछ सकते हैं। जवाब भी उसी तरह मिलेंगे, जैसे आप किसी से सीधे बात कर रहे हों ।

एफआईआर और दूसरे डाक्यूमेंट्स को मैन्युअली स्क्राल करने के बजाय यक्ष एप एआई का इस्तेमाल करके सभी अपराधी जो एक दूसरे के साथ मिलकर अपराध करते हैं उसे एक स्थान पर गैंग के रूप में प्रस्तुत करता है, जिससे गैंग के विरुद्ध कार्यवाही करने में आसानी हो सकेगी ।

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