मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ड्रग्स माफिया को जड़ से समाप्त करने के लिए नकल विरोधी कानून की तरह कड़े से कड़ा कानून लाया जा सकता है। उन्होंने नशा माफिया के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई के निर्देश दिए। कहा, 2025 तक उत्तराखंड को ड्रग्स फ्री बनाने का लक्ष्य पूरा करने के लिए अफसरों को ऑनरशिप लेनी होगी। बैठकों तक सीमित नहीं रहना चाहिए।
सीएम ने ये निर्देश मंगलवार को सचिवालय में राज्य स्तरीय नारकोटिक्स समन्वय बैठक (एनसीओआरडी) की चौथी बैठक में दिए। उन्होंने उत्तराखंड में नशे की सप्लाई चेन को तोड़ने के लिए पुलिस को नशे का व्यापार करने वाले अपराधियों और ड्रग्स माफिया पर ताबड़तोड़ कार्रवाई करने को कहा।
उन्होंने सचिव स्वास्थ्य को निर्देश दिए कि राज्य में नशा मुक्ति केंद्रों की स्थापना, संचालन, उपचार एवं डॉक्टरों की व्यवस्था के लिए स्पष्ट गाइडलाइन एवं वर्किंग प्लान को जल्द लागू करने में आ रही बाधाओं के समाधान के लिए उनसे सीधे संपर्क करें। वर्तमान में राज्य में निजी प्रयासों से 43 निजी नशा मुक्ति केंद्र संचालित हो रहे हैं। कहा, यह अधिकारियों के कर्तव्य के साथ ही मानवता की सेवा का भी कार्य है।
जवानों को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में प्रशिक्षण के लिए भेजें
उन्होंने उत्तराखंड पुलिस विभाग के अफसरों और जवानों को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में प्रतिनियुक्ति व प्रशिक्षण के लिए भेजने की कार्ययोजना पर गंभीरता से कार्य करने के निर्देश भी दिए।
इस साल अब तक 586 मुकदमे दर्ज
बैठक में बताया गया कि मई 2023 तक प्रदेश में एनडीपीएस एक्ट के तहत 586 मुकदमे दर्ज किए गए, जिनमें 742 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डिप्टी डायरेक्टर जनरल ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया कि उत्तराखंड में वर्ष 2022 में 238 किलो चरस, 30 किलो डोडा, 12 किलो अफीम, 19.11 किलो स्मैक, 1.57 किलो हिरोइन, 1232.55 किलो गांजा, 105390 कैप्सूल, 17506 इंजेक्शन, 32110 टेबलेट सीज की गई। वर्ष 2022 में 141.5 एकड़ भांग तथा 108.5 भांग की फसल नष्ट की गई।
26 जून को युवाओं को दिलाई जाएगी शपथ
मुख्यमंत्री ने 26 जून को वर्ल्ड एंटी ड्रग्स डे को योग दिवस की तर्ज पर भव्यता संग मनाने के निर्देश दिए। राज्य के युवाओं को नशा विरोधी ई-शपथ दिलाई जाएगी। पिछले साल 55,300 युवाओं ने ई-शपथ ली थी। पुलिस विभाग इस बार नया रिकार्ड बनाएगा।
एटीएफ सुविधा श्रीनगर, उत्तरकाशी, चंपावत व अल्मोड़ा में भी मिलेगी
मादक पदार्थों के दुष्प्रभावों का उपचार श्रीनगर, उत्तरकाशी, चंपावत और अल्मोड़ा के राजकीय अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में मिल सकेगा। इन अस्पतालों में उपचार की सहायता मुहैया कराई जाएगी। बैठक में बताया गया कि एडिक्शन ट्रीटमेंट फैसिलिटी (एटीएफ) के लिए केंद्र सरकार ने चारों स्थानों का चयन कर लिया है।