गाजियाबाद। प्रदेश में ज्यादातर आपराधिक वारदात कृष्ण पक्ष की अमावस्या से एक सप्ताह पहले और एक सप्ताह बाद हो रही हैं। यह बात यूपी पुलिस की ओर से कराए गए एक विश्लेषण में सामने आई है। इसके बाद डीजीपी विजय कुमार ने सभी जिलों के पुलिस कमिश्नरों और कप्तानों को निर्देश दिए हैं कि वे इन दिनों अधिक सतर्कता बरतें।
कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश
पुलिस टीम लगातार गश्त करे और संदिग्धों की धर पकड़ करें, जिससे की बदमाश अपने मंसूबों में कामयाब न हो सकें। उन्होंने कहा कि हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह में अंधेरे पक्ष (कृष्ण पक्ष) की अमावस्या की तिथि को चिह्नित किया जाए और पूर्व में अमावस्या की तिथि से एक सप्ताह पहले व एक सप्ताह बाद रात में हुए अपराधाें के आधार पर हाट स्पाट चिह्नित कर कार्ययोजना तैयार की जाए।
पर्याप्त संख्या में पेट्रोलिंग वाहन लगाए जाएं
सभी थानों में थाना प्रभारी क्राइम मैपिंग के अनुसार हाट स्पाट चिह्नित करें और इन स्थानों पर अपराध रोकने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मी तैनात करें। संवेदनशील राजमार्गों पर पुलिस गश्त के लिए पर्याप्त संख्या में पेट्रोलिंग वाहन लगाए जाएं। ग्राम मोहल्ला सुरक्षित समितियों को क्रियाशील किया जाए।
जिन स्थानों पर अंधेरा रहता है वहां पर प्रकाश की व्यवस्था दुरुस्त की जाए। जिन गांवों में चौकीदार नहीं है वहां चौकीदार तैनात किए जाएं। हाट स्पाट की तरफ आने जाने वाले रास्तों के प्रमुख चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएं। रात में पुलिस गश्त का औचक निरीक्षण भी उच्च अधिकारियों द्वारा किया जाए।
जिससे कि पुलिस गश्त करने वाली टीम लापरवाही न कर सके। पुलिस सक्रियता बढ़ने से आपराधिक वारदात में कमी आएगी और रात के समय भी लोगों के लिए प्रदेश में सुरक्षा का माहौल बन सकेगा।