संचार न्यूज़। ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर थाना क्षेत्र के खेड़ी गांव में तालाब में डूबे नाबालिक के सब को काफी प्रयासों के बाद बरामद कर लिया गया है शव को तालाब से बाहर निकाल लिया गया है। ग्रामीणों ने इस हदसे के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को जिम्मेदार ठहराया है। ग्रामीण शव को रखकर पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक प्राधिकरण का सक्षम अधिकारी आकर आर्थिक मदद नहीं करते तब तक वह शव को पोस्टमार्टम के लिए नहीं जाने देंगे मौके पर सूरजपुर थाने की पुलिस मौजूद है।
दरअसल, बीते गुरुवार की शाम को खेड़ी गांव के कुछ युवक गांव से कबड्डी खेलने के लिए गांव के तालाब के पास पहुंचे थे। इस तालाब की प्राधिकरण द्वारा सौन्दर्यकरण व साफ सफाई कराई गई थी। तालाब से निकलने वाली मिट्टी के कारण तालाब के आसपास की जमीन चिकनी और फिसलन भरी हो गई थी। प्रशांत और शिवम तालाब पर पहुंचे थे तभी अचानक उनका पैर फिसल गया और तालाब में डूबने लगे। शिवम ने किसी तरह खुद को संभाला लेकिन प्रशांत तालाब की ओर तेजी से फिसलता चला गया। शिवम ने मदद के लिए शोर मचाया उसने प्रशांत को बचाने का प्रयास किया लेकिन वह भी तालाब की और तेजी से फिसलने लगा। प्रशांत की मदद करने में वह ऐसा असफल रहा लेकिन उसकी आवाज सुनकर मौके पर कुछ ग्रामीण पहुंच गए। ग्रामीणों ने शिवम को तालाब में डूबने से बचा लिया लेकिन तब तक प्रशांत तालाब में डूब चुका था। ग्रामीणों ने प्रशांत को काफी तलाश करने का प्रयास किया और जब वह नहीं मिला तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। सूचना के बाद पुलिस और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई और युवक की तलाश में जुट गई। काफी प्रयास के बाद शुक्रवार की सुबह युवक का सब तालाब से निकल गया है। इस हादसे के बाद गांव में कोहराम मच गया वहीं पीड़ित परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है।
प्रशांत बीए तृतीय वर्ष की पढ़ाई कर रहा था और वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर रहा था। मृतक प्रशांत के पिता के दो बेटे और तीन बेटियां है प्रशांत उनका छोटा बेटा था। हादसे के बाद पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है ग्रामीणों की मांग है कि प्राधिकरण के सक्षम अधिकारी मौके पर आए और परिवार को आर्थिक मदद दी जाए।
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में स्थित तालाब का ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के द्वारा सौंदर्यकरण कराया गया था। इस दौरान तालाब के आसपास काफी कीचड़ व गंदगी फैल गई थी। प्राधिकरण द्वारा साफ सफाई के बाद तालाब की गहराई काफी बढ़ गई है और तालाब के आसपास की जमीन फिसलन भरी हो गई है। वही ग्रामीणों का कहना है कि प्राधिकरण के द्वारा वहां पर तार फेंसिंग नहीं की गई जिससे अक्सर तालाब पर पशु पानी पीने पहुंचते रहते हैं। ऐसे में पशुओं और ग्रामीण हादसे के शिकार हो सकते हैं ग्रामीणों ने हादसे की आशंका के चलते प्राधिकरण से लगातार तालाब के चारों ओर तारों के फेंसिंग करने की मांग की थी लेकिन प्राधिकरण के अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया जिसके चलते आज यह घटना हुई है।