नोएडा पुलिस के एक दरोगा की करतूत पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गयी है। चर्चा यह भी है कि इस करतूत में दरोगा अकेला नहीं था। नोएडा पुलिस के इस दरोगा के साथ SHO तथा ACP स्तर के अधिकारी भी मिले हुए हैं। जिस दरोगा की करतूत से नोएडा पुलिस की वर्दी दागदार हुई है। उस दरोगा को सस्पेंड कर दिया गया है।
दरोगा की मदद से छूट गया 70 करोड़ रूपए ठगने वाला ठग
आपको बता दें कि नोएडा पुलिस की वर्दी को दागदार करने का यह मामला एक विचित्र मामला है। इस मामले के तार भोले-भाले लोगों से 70 करोड़ से भी अधिक की ठगी करने वाले ठग से जुड़े हुए हैं। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की एसटीएफ की टीम ने 7 सितंबर 2024 को 70 करोड़ रूपए की ठगी करने वाले विनोद कुमार धामा तथा रविन्द्र उर्फ नवाब को गिरफ्तार किया था। दोनों ठगों को एसटीएफ ने नोएडा के सेक्टर-63 थाने के माध्यम से जेल भेजा थ। इस मामले की जांच का काम नोएडा के सेक्टर-63 थाने के दरेागा दीपक दीक्षित को सौंपा गया था।
आरोप है कि नोएडा के दरोगा दीपक दीक्षित ने महाठग विनोद धामा को अदालत से आसानी से जमानत दिलवा दी। आरोपों में बताया गया है कि नोएडा पुलिस के दरोगा दीपक दीक्षित ने अदालत में अपराधी की क्रिमिनल हिस्ट्री पेश नहीं की। जिस समय अदालत में 70 करोड़ रूपए के ठग की सुनवाई चल रही थी उस समय नोएडा पुलिस का यह दरोगा दीपक दीक्षित अदालत में गया ही नहीं। अदालत में लचर पैरवी के कारण 70 करोड़ रूपए की ठगी करने वाले महाठग विनोद धामा को जमानत मिल गई।
दरोगा को किया गया सस्पेंड
इस पूरे प्रकरण की जानकारी नोएडा की पुलिस कमिश्नर श्रीमती लक्ष्मी सिंह को दी गई। श्रीमती लक्ष्मी सिंह के निर्देश पर नोएडा के सेक्टर-63 थाने में तैनात दरोगा दीपक दीक्षित को सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही नोएडा के सेक्टर-63 थाने के SHO के विरूद्ध विभागीय जांच शुरू कर दी गयी है। आरोप यह भी है कि इस मामले में नोएडा के सेक्टर-63 थाना क्षेत्र के एसीपी…. की भी मिलीभगत है। आरोपों में कहा गया है कि ACP की मिलीभगत के बिना इतने बड़े मामले में दरोगा अपने स्तर से लीपापोती नहीं कर सकता।
एसटीएफ ने पकड़ा था 70 करोड़ के ठग को
इस प्रकरण में महाठग विनोद कुमार धामा तथा उसके साथी रविन्द्र उर्फ नवाब को एसटीएफ की टीम ने पकड़ा था। STF के ASP ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि हमें पता चला था कि विनोद कुमार धामा तथा उसके साथी जनता के व्यक्तियों से धोखाधडी कर टैऊडिंग शेयर के नाम से मोटी रकम लेकर उन्हें लालच देकर पैसा निवेश कराते हैं और ज्यादा पैसा खाते में हो जाने के बाद कम्पनी बन्द कर देते हैं तथा किसी दूसरे स्थान पर नये नाम से कम्पनी बना लेते हैं। इनके द्वारा पूर्व में भी कल्प वृक्ष टैऊडिंग मास्टर टैक्नोलोजी प्रा0लि0 के नाम से नोएडा के एच-87, सेक्टर-63 में तथा हाट सिक्योरिटी लि0 व आयुर्वेद इण्डिया लि0 के नाम से गाजियाबाद में भी टै्रडिंग फर्म खोली थी, जिसमें करोड़ो का निवेश होने के बाद कम्पनी बन्द कर ये ठग इंदिरापुरम में छिपे हुये थे।