वाराणसी जिला कोर्ट की ओर से पूरे ज्ञानवापी परिसर की पुरातात्विक और वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराए जाने की अनुमति दिए जाने के बाद सोमवार को सुबह 7 बजे सर्वे की कार्रवाई शुरू होगी और इसके लिए वैरिकेटिंड का काम शुरू किया जाएगा. इस दौरान सभी वादिनी और वादियों की ओर से एक-एक अधिवक्ता इस कार्रवाई में सम्मिलित होंगे.
इससे पहले कोर्ट ने पिछले हफ्ते शुक्रवार को काशी विश्वनाथ मंदिर के निकट मां श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में अहम फैसला सुनाते हुए हिंदू पक्ष की मांग को स्वीकार कर लिया और वजूखाने को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर की पुरातात्विक और वैज्ञानिक सर्वे कराए जाने की अपनी अनुमति दे दी. कहा जा रहा है कि अर्कोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की टीम को अपनी सर्वे रिपोर्ट 4 अगस्त तक कोर्ट को सौंपना होगा.
एएसआई की टीम अपने जरूरी सभी उपकरणों के साथ वाराणसी पहुंच गई है और कल सुबह अपना काम शुरू करेगी. एएसआई की ओर से ज्ञानवापी में सर्वे को लेकर कमिश्नर के यहां रविवार को बैठक भी हुई.
4 अगस्त को अगली सुनवाई
ज्ञानवापी और आदि विश्वेश्वर मामलों के विशेष अधिवक्ता राजेश मिश्रा ने कोर्ट के आदेश के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वाराणसी के जिला जज एके विश्वेश ने 21 जुलाई को यह फैसला सुनाया. अधिवक्ता एके मिश्रा ने बताया कि विश्वेश की कोर्ट ने हिंदू पक्ष की मांग को स्वीकार कर लिया और ज्ञानवापी मस्जिद के वैज्ञानिक सर्वे की अनुमति दे दी.
कोर्ट की ओर से सुनवाई की अगली तारीख 4 अगस्त तय की गई है. वहीं कोर्ट ने 14 जुलाई को हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद 21 जुलाई तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
हिंदू पक्ष ने की थी सर्वे की मांग
हिंदू पक्ष की ओर से दायर याचिका में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे कराए जाने को लेकर निर्देश देने की मांग की गई थी. जबकि मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता मोहम्मद तौहीद खान ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ कहा कि वे इस आदेश के खिलाफ ऊपरी अदालत में जाएंगे. हमें यह फैसला स्वीकार्य नहीं है और हम ऊपरी अदालत में जाएंगे क्योंकि इस तरह के सर्वे से मस्जिद को नुकसान होने की संभावना है.
वहीं हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन की ओर से पहले यह तर्क दिया गया था कि काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को पूरे मस्जिद परिसर की पुरातात्विक सर्वे और जांच के जरिए समाधान निकाला जा सकता है. परिसर के 3 गुंबदों, परिसर की पश्चिमी दीवार और पूरे परिसर की आधुनिक तरीके से जांच करने पर स्थिति स्पष्ट हो सकती है.