Sanchar Now। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अपनी दो गौशालाओं में गोवंशों के गोबर से फ्यूल बनाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। जलपुरा और पौवारी गौशाला में बायो सीएनजी प्लांट लगाया जाएगा। गोबर को प्रोसेस करने के लिए प्राप्त बायो सीएनजी फ्यूल को बेचने से प्राप्त रकम को इन गौशालाओं के रखरखाव पर खर्च किया जाएगा। इससे गोवंश की देखभाल में भी आसानी होगी।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने जलपुरा और पौवारी गौशाला को स्व वित्त पोषित बनाने के उद्देश्य से गोबर गैस प्लांट लगाने के निर्देश दिए हैं। प्राधिकरण के जन स्वास्थ्य विभाग में सबसे पहले जलपुरा गौशाला के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल निकला है। जिसके जरिए एक कंपनी S3 फ्यूल का चयन किया गया है। कंपनी को अवार्ड लेटर जारी कर दिया गया है कंपनी द्वारा जल्द ही प्लांट लगाने का काम शुरू हो जाएगा।
इस प्लांट को बनाने में लगभग डेढ़ साल का समय लगेगा जलपुरा गौशाला के पास ही यह प्लांट लगेगा। इसे बनने में करीब 17 करोड रुपए खर्च होने का आकलन है। जिस कंपनी खुद वहन करेगी रोजाना 50 टन प्रतिदिन के हिसाब से गोबर को प्रक्रिया करेगी। अगर इस गौशाला से प्रतिदिन 50 टन गोबर प्राप्त नहीं होता है तो आसपास के गांव से गोबर और घरेलू कचरा भी प्राप्त कर प्रोसेस करेंगे। इससे आसपास के गांव की सफाई व्यवस्था भी और बेहतर हो जाएगी।
इस प्लांट को कंपनी खुद के पैसे से बना कर 15 साल तक चलाएगी। इन 15 वर्षों में प्राधिकरण को लगभग 6.48 करोड रुपए की प्राप्ति होगी। जलपुरा के साथ यह प्राधिकरण ने पौवारी गौशाला के लिए भी रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल निकाल दिया है। इससे आवेदन के लिए 19 दिसंबर 2024 तिथि तय की गई है इससे पहले 11 दिसंबर को प्रीपेड मीटिंग होगी। 50 टन प्रतिदिन क्षमता वाले इस प्लांट को लगाने से लगभग 17 करोड रुपए खर्च होने का आकलन है जिस कंपनी खुद बहन करेगी। निविदा पूरी होते ही काम शुरू करने की तैयारी है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी अभिषेक पाठक का कहना है कि इन दोनों गौशालाओं में प्लांट शुरू होने से गोबर प्रोसेस होने के साथ ही आमदनी भी होगी जिससे गौशालयों के संचालन में मदद मिलेगी।