उत्तर प्रदेश के लखनऊ कोर्ट (Lucknow Court) में गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा (Sanjeev Maheshwari Jeeva) की हत्या के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है. कोर्ट की सुरक्षा में तैनात सात सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. पुलिस पर लगातार सवाल उठ रहे थे कि कैसे कोर्ट के अंदर पुलिस की सुरक्षा के बीच संजीव जीवा की एक हमलावर ने गोली मारकर हत्या कर दी. हालांकि, जीवा की हत्या के आरोपी विजय यादव (Vijay Yadav) को पुलिस ने मौके पर ही पकड़ लिया था. फिलहाल विजय यादव को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. इससे पहले सीजेएम ने केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर पहुंचकर बयान दर्ज किया है. आरोपी जब तक ठीक नहीं हो जाता, तब तक अस्पताल में रहेगा.

पुलिस के मुताबिक जौनपुर के रहने वाले विजय यादव के खिलाफ एक नाबालिग लड़की का अपरहण कर उससे रेप करने सहित दो आपराधिक मामले पहले से दर्ज हैं. जीवा की हत्या के बाद विजय की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही केराकत के पुलिस क्षेत्राधिकारी गौरव शर्मा समेत थाने की पुलिस विजय के सर्की सुल्तानपुर गांव पहुंची और लोगों से उसके आपराधिक इतिहास के बारे में पूछताछ की. गौरव शर्मा ने बताया कि विजय लखनऊ में प्लंबर का काम करता था. वह एक शादी में शामिल होने 10 मई को अपने गांव आया था और अगले दिन लखनऊ वापस लौट गया था.
सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का दर्ज हुआ था मामला
क्षेत्राधिकारी गौरव शर्मा ने बताया कि विजय यादव के खिलाफ दो आपराधिक मामले पहले से दर्ज हैं. उन्होंने बताया कि एक मामला नाबालिग लड़की का कथित रूप से अपहरण करने और उससे रेप से संबंधित है. इस संबंध में आजमगढ़ के देवगांव पुलिस थाने में मामला दर्ज है. विजय के खिलाफ 2016 में दर्ज इस प्राथमिकी में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत भी आरोप लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि विजय के खिलाफ दूसरा मामला सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोपों से जुड़ा है, जो 2020 में केराकत पुलिस थाने में दर्ज किया गया था.
विजय यादव के पिता ने क्या कहा?
विजय यादव के पिता श्यामा यादव ने बताया कि उसका बेटा मुंबई में एक निजी कंपनी में काम करता था और बाद में वह नौकरी छोड़कर घर चला आया. श्यामा ने बताया कि नौकरी छोड़ने के डेढ़ महीने बाद विजय रोजगार की तलाश में लखनऊ चला गया था, जहां वह प्लंबर का काम करता था. उसने बताया कि बीते 10 मई को विजय अपनी ममेरी बहन की शादी में शामिल होने आया था और अगले दिन वह लखनऊ वापस चला गया था, तब से श्यामा की अपने बेटे से बात नहीं हुई. श्यामा ने बताया कि परिवार के लोगों ने जब विजय से बात करने का प्रयास किया तो उसका फोन बंद आ रहा था और उन्हें आज की घटना की जानकारी ग्राम प्रधान के माध्यम से मिली.
			
                                

                                
                                









