इंडिया फाउंड्री इक्विपमेंट एग्जीबिशन में आत्मनिर्भर भारत पर हुआ मंथन, भारत सहित अन्य कई देश हुए शामिल

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ग्रेटर नोएडा। इंडिया एक्सपोमार्ट में इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन फाउंड्रीमेन (IIF) द्वारा आयोजित 71वीं इंडियन फाउंड्री कांग्रेस और इंडिया फाउंड्री इक्विपमेंट एग्जीबिशन में 12,000 से अधिक बिजनेस विजिटर्स, विशेषज्ञों, पेशेवरों, इंजीनियरों, नीति निर्माताओं ने भाग लिया। IFC और IFEX ने नई तकनीकों, रुझानों और उद्योग के अन्य घटकों को प्रदर्शित करने के साथ-साथ चुनौतियों और अवसरों पर ध्यान केंद्रित किया। जो 2021-22 में 3.5 बिलियन अमरीकी डालर के निर्यात के साथ देश में लगभग 20 बिलियन अमरीकी डालर आंका गया है। इस बिजनेस मीट में 10 लाख टन से अधिक कास्टिंग खरीद-बिक्री सौदों के करार के करीब पहुंच गए हैं।

अग्रणी फाउंड्री उत्पादक व आयातक देश और उनके प्रतिनिधि और प्रदर्शक इस कार्यक्रम में शामिल हुए। इनमे रूस, ईरान, यूएसए, यूके, केएसए, मलेशिया, जर्मनी, यूएई, बेल्जियम, भूटान और प्रमुख भारतीय राज्य जैसे गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और झारखंड, अन्य के अलावा, प्रदर्शन करेंगे नई तकनीकों, नवाचारों और स्थिरता से संबंधित विषयो पर विस्तार से चर्चा हुई।

IFC और IFEX समिति के अध्यक्ष प्रदीप मित्तल ने बताया कि सरकार ने देश के आर्थिक विकास में एमएसएमई के योगदान को स्वीकार किया है। केंद्रीय बजट 2023-24 ने उच्च ऋण प्रवाह और अनुपालन को सरल बनाकर धन की कमी से जूझ रहे क्षेत्र को बढ़ावा दिया है। MSMEs के लिए 9,000 करोड़ रुपये की एक संशोधित क्रेडिट गारंटी योजना का शुभारंभ किया गया है। जिससे छोटे व्यवसायों को 2 लाख करोड़ रुपये के संपार्श्विक-मुक्त ऋण को सक्षम करेगा। इसके अलावा, गारंटी शुल्क को घटाकर 1.3% करके, सरकार ने एमएसएमई के लिए संपार्श्विक ऋण/वित्त पोषण को आसान बना दिया है। इससे सेक्टर को काफी मदद मिलेगी। ये उपाय गेम चेंजर हो सकते हैं।

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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कास्टिंग निर्माण में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें उत्पादक और खरीदार दोनों के लिए एक प्लेटफार्म तैयार किया गया। यह कार्यक्रम बहुत सफल रहा और इससे कास्टिंग उद्योग को भारत में बढ़ावा मिलेगा कास्टिंग का उपयोग देश में लगातार बढ़ता जा रहा है घरेलू वस्तुओं से लेकर हवाई जहाज या अन्य चीजें कास्टिंग से बनाई जा रही है। प्रदीप मित्तल ने कहा की इस कार्यक्रम से मध्यम और लघु उद्योगों (MSMEs) को मदद मिलेगी, जो उद्योग का 80% से अधिक का गठन करते हैं। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बढ़ना है। सरकार स्वदेशी रक्षा उत्पादन पर ध्यान दे रही है।

ऑर्गेनाइजर कमेटी के को चेयरमैन विकास गर्ग ने बताया कि भारत 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा रखता है और फाउंड्री उद्योग लक्ष्य प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हमने अपनी ताकत दिखाने के लिए यहां अब तक की सबसे बड़ी प्रदर्शनी का आयोजन किया। इस बिजनेस मीटिंग्स (बी2बी मीट) के दौरान, हम 10 लाख मिलियन टन कास्टिंग खरीद-बिक्री सौदों को पूरा करने की उम्मीद के करीब पहुँच गए है।

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