ग्रेटर नोएडा: दीपावली के अवसर पर ग्रेटर नोएडा में परिवहन सेवा पूरी तरह प्रभावित हो गई है। एनएच-91, परी चौक, यमुना एक्सप्रेसवे और जेवर सहित शहर के महत्वपूर्ण हिस्सों पर सैकड़ों लोग, जिनमें महिलाएं, बुजुर्ग और छोटे बच्चे शामिल हैं, घंटों तक बसों का इंतजार करते रहे।

बस अड्डे पर यात्रियों का कहना है कि जो बसें उपलब्ध हैं, वे पहले से ही पूरी तरीके से भर चुकी हैं। कई बसें बिना रोक-टोक के गुजर रही हैं और जो बसें रुकती हैं, उनमें यात्रियों के बैठने के लिए जगह नहीं मिल रही। यात्रियों ने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि त्योहार के दौरान बढ़ी भीड़ को ध्यान में रखते हुए कोई अतिरिक्त बस सेवा या उचित इंतजाम नहीं किया गया।
इन शहरों के लिए निकले हैं लोग
यात्री ग्रेटर नोएडा से लखनऊ, कानपुर, अयोध्या, फैजाबाद, प्रयागराज, अलीगढ़, गोरखपुर, मथुरा और आगरा जैसे कई शहरों के लिए रवाना हो रहे हैं। अपने घर पहुंचने की उम्मीद में निकले कई लोग रास्ते में ही फंस गए हैं। परी चौक पर इंतजार कर रही एक महिला ने बताया कि मैं रविवार सुबह साढ़े 7 बजे से बच्चों के साथ खड़ी हूं, लेकिन 10 बजे तक हमें कोई बस नहीं मिली।
उठ रहे सवाल
उधर, परिवहन की अव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए स्थानीय पुलिस कर्मियों को यात्रियों को शांत रखने और यातायात व्यवस्था संभालने के लिए तैनात किया गया है। हालांकि, पर्याप्त बसों की कमी की मुख्य समस्या अब भी बनी हुई है। स्थानीय निवासी और यात्री यूपीएसआरटीसी और परिवहन विभाग से बस सेवाओं में तत्काल सुधार की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि त्योहारों के समय परिवहन व्यवस्था की पहले से पर्याप्त योजना और प्रबंधन न होने के कारण प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं।
800 से 5000 हुआ किराया
वहीं, इन सबके अलावा त्योहार के मौके पर नोएडा से कानपुर और लखनऊ की यात्रा अब आम दिनों की तुलना में काफी महंगी हो गई है। सामान्य रूप से जिन स्लीपर बसों का किराया 700 से 800 रुपये तक होता था, वहीं इस बार दीपावली, गोवर्धन पूजा और भैया दूज के दौरान यह बढ़कर 4000 से 5000 रुपये तक पहुंच गया है। ट्रेनों में सभी सीटें बुक होने के कारण लाखों प्रवासी मजदूर और कर्मचारी बसों का सहारा ले रहे हैं, जिसके चलते उनकी जेब पर भारी असर पड़ रहा है।
इस बार घर पहुंचना मुश्किल लग रहा है
टिकटों के दाम बढ़ने के बावजूद बसों की कमी के कारण यात्रियों को लंबे इंतजार और भारी भीड़भाड़ की परेशानी झेलनी पड़ रही है। ग्रेटर नोएडा के परी चौक बस अड्डे पर पहुंचे कई यात्रियों ने बताया कि इस बार घर जाने की उम्मीद अब मुश्किल लग रही है। बस के इंतजार में खड़े कानपुर के रहने वाले एक शख्स ने बताया कि वह एक कम्पनी में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि इस बार त्योहार पर घर पहुंचना लगभग असंभव लग रहा है।
कई गुना किराया वसूल रहे बस वाले
सामान्य दिनों में जहां कानपुर की यात्रा के लिए केवल 750 रुपये खर्च होते थे, वहीं आज स्लीपर बस ऑपरेटर 4800 रुपये तक किराया ले रहे हैं। इसी तरह लखनऊ जाने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि उनको अपने तीन बच्चों और पत्नी के साथ सफर करना है और इस बार हर टिकट के लिए 4200 से 4500 रुपये तक चुकाने पड़ रहे हैं।
बस-ट्रेन सब फुल
अब साधारण बसों का किराया भी बढ़कर करीब 2000 रुपये तक पहुंच गया है और बसों में इतनी भीड़ है कि यात्रियों को सांस लेना तक मुश्किल हो रहा है। रोडवेज की साधारण बसों में किराया भले तय है, लेकिन अत्यधिक भीड़ के कारण महिलाओं और बच्चों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। सभी ट्रेनें पूरी तरह भरी हुई हैं। रेलवे ने अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनें जरूर चलाई हैं, मगर वे भी जरूरत के हिसाब से पर्याप्त नहीं हैं।
कानपुर और लखनऊ मार्ग पर रोजाना 200 से अधिक बसें चलने के बावजूद मांग पूरी नहीं हो पा रही है। अगले तीन दिनों तक यही स्थिति बने रहने की संभावना है। सामान्य दिनों में नोएडा से प्रतिदिन 5000 से अधिक यात्री कानपुर और लखनऊ जाते हैं, जबकि त्योहार के समय यह संख्या दोगुनी हो जाती है।
117 बसें चल रही हैं
ग्रेटर नोएडा डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (एआरएम) अनिल शर्मा ने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए डिपो की सभी 117 बसें सड़कों पर चल रही हैं। उन्होंने कहा कि यात्रियों को बेहतर परिवहन सेवा देना हमारी प्राथमिकता है। यदि कहीं कोई समस्या आती है, तो यात्री सीधे डिपो से संपर्क कर सकते हैं।