टैक्स से जुड़े एक बड़े भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई ने केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST) विभाग के दो इंस्पेक्टरों के खिलाफ केस दर्ज किया है. इनमें से एक इंस्पेक्टर को रंगेहाथ रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार भी किया गया है. यह कार्रवाई सीबीआई की लखनऊ यूनिट ने की है.
सीबीआई ने 4 मई 2025 को बताया कि प्रयागराज स्थित क्षेत्रीय जीएसटी कार्यालय के दो इंस्पेक्टरों हरि शंकर सरोज और अनिल कुमार मटलानी पर एक व्यापारी से 10,000 रुपये की रिश्वत मांगने और लेने का आरोप है. यह रिश्वत व्यापारी की कंपनी का फिजिकल वेरिफिकेशन कराने के बदले में मांगी गई थी, जो जीएसटी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया का एक अहम हिस्सा होता है.
शिकायत मिलने के बाद सीबीआई ने 3 मई को इन दोनों के खिलाफ केस दर्ज किया और फिर योजना बनाकर एक इंस्पेक्टर हरि शंकर सरोज को 10,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया. उसे मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया और अब उसे लखनऊ स्थित विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया जाएगा. वहीं दूसरे आरोपी अनिल कुमार मटलानी के खिलाफ जांच जारी है.
केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST) विभाग देश में वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाले कर को एकत्र करने का काम करता है. जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए कंपनियों को फिजिकल वेरिफिकेशन की प्रक्रिया से गुजरना होता है. ऐसे में कुछ भ्रष्ट अधिकारी इस प्रक्रिया को जटिल बनाकर व्यापारियों से रिश्वत की मांग करते हैं.
सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है. सीबीआई और अन्य एजेंसियां लगातार टैक्स विभाग और अन्य सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार के मामलों की निगरानी कर रही हैं. इस कार्रवाई को इसी दिशा में एक बड़ी सफलता माना जा रहा है. सीबीआई ने बताया है कि मामले की जांच अभी जारी है और जल्द ही और जानकारी सामने आ सकती है. बिजनेस से जुड़े लोगों को चेतावनी दी गई है कि वे किसी भी तरह की अवैध मांग की शिकायत तुरंत संबंधित एजेंसियों को करें.