लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू कर दिया है। गृह मंत्रालय ने आज (11 मार्च) को एक नोटिफिकेशन जारी किया, जिसके साथ ही देशभर में यह कानून लागू हो गया।
सीएए लागू होने के साथ ही इस पर तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आने का दौर भी शुरू हो गया। सत्ता पक्ष इसका स्वागत कर रहा है, तो वहीं विपक्ष ने फिर से इस पर राजनीति शुरू कर दी।
सीएए लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ की इस पर पहली प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने इस कदम को ऐतिहासिक बताया।
सीएम योगी ने जताया प्रधानमंत्री का आभार
सीएम योगी ने एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “पीड़ित मानवता के कल्याणार्थ नागरिकता (संशोधन) अधिनियम लागू करने का निर्णय ऐतिहासिक है। इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान में मजहबी बर्बरता से पीड़ित अल्पसंख्यक समुदाय के सम्मानजनक जीवन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। मनुष्यता को आह्लादित करने वाले इस मानवीय निर्णय हेतु आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार एवं माननीय गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद।”
क्या बोले अखिलेश यादव?
इसके अलावा समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने सीएए लागू होने पर कहा, “जब देश के नागरिक रोजी-रोटी के लिए बाहर जाने पर मजबूर हैं तो दूसरों के लिए ‘नागरिकता कानून’ लाने से क्या होगा? जनता अब भटकावे की राजनीति का भाजपाई खेल समझ चुकी है। भाजपा सरकार ये बताए कि उनके 10 सालों के राज में लाखों नागरिक देश की नागरिकता छोड़ कर क्यों चले गए।”
किन्हें मिलेगी नागरिकता?
CAA में तीन देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान है। इन देशों के अल्पसंख्यकों हिंदू, सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध और पारसियों को नागरिकता दी जाएगी। नागरिकता उन्हें मिलेगी जो 2014 से पहले आए होंगे और धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होकर भारत में आए हैं, जो कम-से-कम 6 साल से भारत में रह रहे होंगे।