संचार न्यूज़। ग्रेटर नोएडा के किसानों की आबादी नियमावली (लीजबैक) के प्रकरणों को सुलझाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की समिति ने सुनवाई शुरू कर दी है। बुधवार को हल्दोना व डाढ़ा गांव के लीज बैक प्रकरणों की सुनवाई की गई। इसके साथ ही हाईकोर्ट के आदेश पर सिरसा व जूनपत के 2 प्रकरणों पर भी समिति ने सुनवाई की। चारो गांव के लीज बैक के 10 प्रकरणों पर समिति ने किसानों का पक्ष सुना और जिन प्रकरणों में साक्ष्य प्राप्त नहीं हुए थे उनमें किसानों से साक्ष्य जमा करने को कहा गया है।
दरअसल, आबादी की लीजबैक के मामलो की पहले एसीईओ और फिर सीईओ स्तर पर बनी समिति फैसला करती है। आबादी का लीज बैक सिर्फ उन्हीं किसानों के नाम हो सकती है जो यहां के मूल निवासी हैं। बीते दिनों किसान प्रतिनिधियों ने सीईओ रितु माहेश्वरी से मुलाकात कर लीज बैक करने की मांग की थी। सीईओ के निर्देश पर समिति लीजबैक के प्रकरणों पर ग्राम वार सुनवाई कर रही है। बुधवार को हल्दौना व डाढ़ा गांव और सिरसा व जुनपत गांव के लीज बैक के 10 प्रकरणों पर सुनवाई की गई।
एसीईओं आनंद वर्धन की अध्यक्षता में ओएसडी हिमांशु वर्मा, रजनीकांत, एसडीएम शरद कुमार पाल और जितेंद्र गौतम सहित अन्य सदस्य भी समिति में शामिल है। समिति ने लीजबैक के पुराने प्रकरणों के साथ ही नए प्रकरणों पर भी सुनवाई की। किसानों के पक्ष को भी सुना और उनसे साक्ष्य प्राप्त किए व किसानों को 2011 में वर्तमान की सेटेलाइट इमेज भी दिखाई गई। जिन किसानों के पास साक्ष्य उपलब्ध नहीं थे उनको आवेदन पत्र मूल निवास का साक्ष्य और भूलेख दस्तावेज शीघ्र ही जमा करने को कहा गया है।
यह समिति साक्ष्यों में सुनवाई के आधार पर निर्णय लेगी और अपनी रिपोर्ट बनाकर शीघ्र ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ की अध्यक्षता में बनी समिति के समक्ष प्रस्तुत करेगी। जिसके बाद समिति की संस्तुति के आधार पर बोर्ड के अनुमोदन के बाद किसानों को आबादी की जमीन लीज बैक की जाएगी। प्राधिकरण के सीईओ आनंद वर्धन का कहना है कि सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर किसानों के आबादी प्रकरण सुलझाने के लिए समिति सुनवाई कर रही है सभी गांवों के मसले एक-एक करके निपटा जाएंगे। अगली सुनवाई 12 जुलाई को लुक्सर व चुहड़पुर खादर गांव की होगी।