ग्रेटर नोएडा : यूपी के ग्रेटर नोएडा में सोमवार दोपहर यमुना एक्सप्रेसवे पर बड़ा हादसा होते-होते बच गया, जब गलगोटिया यूनिवर्सिटी की ओर जा रही कॉलेज बस के अचानक ब्रेक फेल हो गए. बस में करीब 50 छात्र-छात्राएं सवार थे. अफरा-तफरी के बावजूद चालक की सूझबूझ और शांत स्वभाव ने सभी की जान बचा ली. घटना उस समय हुई जब बस रोज की तरह नोएडा के बॉटैनिकल गार्डन से छात्रों को लेकर गलगोटिया यूनिवर्सिटी की ओर जा रही थी. विश्वविद्यालय के सामने बने रैंप के पास पहुंचते ही चालक को ब्रेक में गड़बड़ी का एहसास हुआ. तेज रफ्तार के कारण स्थिति गंभीर थी. चालक ने तुरंत खतरा भांपते हुए छात्रों को पीछे की ओर जाकर शांति बनाए रखने के निर्देश दिए.

चालक की सूझबूझ बनी जीवन रक्षक
चालक ने बिना घबराए वाहन की गति धीरे-धीरे नियंत्रित करने का प्रयास किया. इसी दौरान टोल प्लाजा के पास सड़क किनारे एक युवक अपनी बाइक के साथ खड़ा था. बस के हॉर्न और छात्रों की आवाज सुनकर वह तुरंत किनारे हट गया. हड़बड़ी में उसे हल्की चोट लगी, लेकिन उसकी त्वरित सतर्कता ने बड़ा नुकसान होने से रोक दिया.
कंक्रीट दीवार से भिड़ाकर रोकी गई बस
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए चालक ने बस को धीरे से एक्सप्रेसवे की कंक्रीट दीवार की ओर मोड़ दिया. उसका उद्देश्य था कि बस पलटने न पाए और रफ्तार दीवार से रगड़कर कम हो जाए. बस का आगे का हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ, लेकिन यह कदम 50 छात्रों की जिंदगी बचाने में अहम साबित हुआ. टक्कर नियंत्रित थी और बस स्थिर होते ही सभी छात्रों को सुरक्षित बाहर निकाला गया.
मौके पर पहुंची पुलिस और एक्सप्रेसवे कर्मी
घटना की सूचना मिलते ही एक्सप्रेसवे टीम और पुलिस मौके पर पहुंची. कोतवाली प्रभारी मुनेंद्र सिंह ने बताया कि सभी छात्र सुरक्षित हैं और बस को हटाकर यातायात सामान्य कर दिया गया है. उन्होंने चालक की समझदारी और साहस की प्रशंसा की. पुलिस के अनुसार चालक के त्वरित निर्णय ने एक संभावित बड़ी दुर्घटना को होने से बचा लिया.
चालक की बहादुरी की सराहना
इस घटना ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि सड़क सुरक्षा में चालक की त्वरित प्रतिक्रिया कितना बड़ा अंतर पैदा कर सकती है. यदि चालक संयम न रखता तो यह घटना गंभीर रूप ले सकती थी. छात्रों ने भी चालक के निर्देशों का पालन करते हुए घबराहट से बचा, जिससे स्थिति संभालने में आसानी हुई.
बड़ी त्रासदी को टाल गया सही निर्णय
सोमवार की यह घटना रोड सेफ्टी के महत्व और प्रशिक्षित ड्राइवर की भूमिका को फिर से उजागर करती है. समय पर लिए गए निर्णय और शांत दिमाग ने कई जिंदगियाँ बचाईं. प्रशासन ने घटना को गंभीरता से लेते हुए बस की मेकैनिकल जांच कराने के निर्देश दिए हैं, ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो.













