केंद्र सरकार ने किसानों को बडी राहत देते हुए दाल की खरीद से सीलिंग लिमिट हटा दी है. सरकार के इस फैसले के बाद अब किसान किसी भी मात्रा में दाल की खरीद-बिक्री कर सकेंगे. दरअसल सरकार का यह कदम दालों की प्रोडक्शन बढ़ाने के सपोर्ट करने के लिए उठाया गया है. सरकार के इस फैसले के बाद उम्मीद की जा रही है कि दालों का बुआई एरिया बढ़ सकेगा.
सरकार ने दालों की खरीद पर से 40 फीसदी की खरीद लिमिट को भी हटा दिया है. साल 2023- 24 के लिए पीएएस के तहत अब तूअर दाल, उड़द दाल और मसूर दाल के लिए 40% की खरीद लिमिट जरुरी नहीं है.
सरकार के इस फैसले से किसानों की आमदनी बढ़ सकेगी. दरअसल इस कदम के बाद किसान मिनिमम सपोर्ट प्राइस पर बिना लिमिट के दालों का प्रोक्योरमेंट कर सकेंगे. सरकार ने तूअर और उड़द दालों पर 2 जून को स्टॉक लिमिट लगाने का फैसला किया था. माना जा रहा है कि इस फैसले से अब रबी सीजन में किसान अपने मनमुताबिक क्षेत्र में बुआई कर सकेंगे. जिसके चलते दालो का उत्पादन बढ़ाया जा सकेगा.
दलहन प्रोडक्शन में आत्मिर्भर बनना लक्ष्य
सरकार दालों के प्रोडक्शन में आत्मनिर्भर बनना चाह रही है. हर साल दालों की स्टॉक लिमिट और जमाखोरी के चलते कीमतें आसमान पर पहुंच जाती है. साल 2022-23 की बात करें तो दाल के इंपोर्ट में आई गिरावट चिंता का कारण बन गई थी. जिसके बाद सरकार में पैदावार बढ़ाने पर जोर देना शुरु कर दिया था. पिछले कैलेंडर ईयर की बात करें तो भारत ने करीब 2.53 मिलियन टन दालों का इंपोर्ट किया था. अब माना जा रहा है कि इस फैसले के बाद किसानों को तो राहत मिलेगी ही साथ ही सरकार की चिंता भी दूर हो सकेगी.