पुष्पोत्सव 2025 के दूसरे दिन उमड़ी दर्शकों की भारी भीड़, अतीत व भविष्य की लेजर से प्रस्तुति

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संचार नाउ। ग्रेटर नोएडा के सम्राट मिहिर भोज सिटी पार्क में पुष्पोत्सव 2025 का भव्य शुभारंभ शुक्रवार को हुआ। शनिवार को दूसरे दिन बड़ी संख्या में दर्शकों की उपस्थिति ने इस पुष्प प्रदर्शनी की भव्यता में और चार चांद लगा दिए। प्रदर्शनी में विभिन्न प्रजातियों के फूलों के अलावा खूबसूरत पुष्प डिजाइन, लैंडस्कैपिंग, बच्चों की फूल पत्तो उसे सजी फैशन प्रदर्शनी, साइंस मॉडल प्रदर्शनी, संगीत एवं नृत्य जैसे कार्यक्रमों में स्थानीय निवासियों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया।

दरअसल, पुष्पोत्सव 2025 का मुख्य आकर्षण शाम 7 से 9 बजे तक आयोजित लेजर लाइट एंड साउंड सो रहा। जिसमें लेजर लाइट में ध्वनि के माध्यम से गौतम बुद्ध नगर के गौरवशाली इतिहास को दर्शाया गया। इसमें बताया गया कि यह भूमि प्राचीन काल से ऐतिहासिक धरोहर से समृद्ध रही है। त्रेता युग में रामायण काल से जुड़ा बिसरख गांव जिसे रावण के जन्म स्थल के रूप में जाना जाता है वही महाभारत काल में गुरु द्रोणाचार्य का आश्रम जो दनकौर गांव में स्थित है जहां कौरव और पांडवों ने अस्त्र-शास्त्र की शिक्षा प्राप्त की थी। जो एक योजना बंद नगर के रूप में विकसित किया गया है।

1980 के दशक में भारत सरकार ने दिल्ली की बढ़ती आबादी के समाधान हेतु नए शहरों के विकास की योजना बनाई। 1990 के दशक में उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रेटर नोएडा को औद्योगिक और शैक्षणिक हब के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया। वर्तमान में 760 वर्ग किलोमीटर में फैला यह शहर ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के अंतर्गत है जिसमें 240 गांव शामिल है।

ग्रेटर नोएडा आज देश के प्रमुख औद्योगिक और शैक्षणिक केंद्र का हब बन चुका है। गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी और गवर्नमेंट इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज (GIMS) जैसे संस्थानों ने युवाओं को गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा और उज्जवल भविष्य के अवसर प्रदान किए है। इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेटर नोएडा लिमिटेड (IITGNL) और इंडियन एक्सपो मार्ट इस विकास की शानदार मिसाल है तो बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट और शहीद विजय सिंह पथिक स्पोर्ट्स कंपलेक्स ने इस शहर को खेलों के क्षेत्र में भी नहीं पहचान दिलाई है। विश्व स्तरीय शहर में मेट्रो कनेक्टिविटी, जेवर एयरपोर्ट और नोएडा के साथ उत्कृष्ट संपर्क ने इसे भारत के अग्रणी शहरों में शामिल कर दिया है। ग्रीन सिटी पहल के तहत शहरीकरण के साथ पर्यावरण संरक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। सम्राट मिहिर भोज पार्क, ग्रीन बेल्ट और तालाबों का सौंदरीकरण सतत विकास का उदाहरण प्रस्तुत करता है। सूरजपुर वेटलैंड जिसे एक अर्बन वेटलैंड के रूप में विकसित किया गया है। यहा 186 प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं जिनमें 84 प्रवासी पक्षी शामिल है।

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ग्रेटर नोएडा आने वाले वर्षों में सतत विकास के नए आयाम स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। वेस्ट टू वंडर पार्क, वेस्ट टू बायो सीएनजी प्लांट और आयुर्वेद पार्क जैसे अन्य अनूठे कदम उठाए जाएंगे जो पर्यावरण के अनुकूल होंगे। कचरे के पुनर्चक्रण से उपयोगी संसाधन बनाए जाएंगे। ग्रीन सिटी मिशन के तहत निकट भविष्य में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा। ग्रेटर नोएडा की यह यात्रा यहीं समाप्त नहीं होती हमें इसे और हरा भरा बनाना होगा पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देनी होगी और फूलों की इस दुनिया को और भी सुंदर वह समृद्ध बनाना होगा।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने बताया कि लेजर शो में यह भी दिखाया गया है कि पुष्प उत्सव 2025 में इस वर्ष गेंदा फूल (मेरीगोल्ड) थीम फ्लावर है। इसे सूर्य की शक्ति प्रकाश और प्रगति का प्रतीक माना जाता है। भारतीय समाज में गंदा आशा प्रेम सफलता और पवित्रता का प्रतीक है। पूजा पाठ सजावट और उत्सवों में इसकी विशेष भूमिका रहती है। इसीलिए हम सब मिलकर इस धरती को और सुंदर बनाएं ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इन फूलों की भीनी खुशबू में सांस ले सके।

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