संचार नाउ | गौतमबुद्ध नगर | उत्तर प्रदेश शासन ने एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक फेरबदल में कासगंज की जिलाधिकारी मेधा रूपम को गौतमबुद्ध नगर का नया डीएम नियुक्त किया है। वहीं, मौजूदा जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा को लखनऊ का डीएम बना दिया गया है। यह बदलाव विकास, कानून व्यवस्था और प्रशासनिक गतिशीलता के लिहाज़ से बेहद अहम माना जा रहा है।
आईएएस मेधा रूपम संवेदनशील प्रशासन, सख्त अनुशासन और तकनीकी दक्षता का बेहतरीन मेल हैं। गौतमबुद्ध नगर जैसे ज़िले में उनकी तैनाती जनता और शासन दोनों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकती है।
सिविल सेवा से पहले शूटिंग की राष्ट्रीय चैंपियन
कभी शूटिंग के मैदान में गोल्ड मेडल जीतने वाली मेधा रूपम, अब शासन-प्रशासन की दिशा तय करने वाली आईएएस अधिकारी के रूप में पहचानी जाती हैं। उन्होंने केरल स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण पदक जीतने के बाद सिविल सेवा में आने का फैसला लिया।
उनका जन्म 21 अक्टूबर को आगरा में हुआ था, लेकिन प्रारंभिक शिक्षा उन्होंने केरल में प्राप्त की।
- 8वीं तक पढ़ाई – नेवल पब्लिक स्कूल, एर्नाकुलम
- 12वीं तक शिक्षा – सेंट थॉमस स्कूल, तिरुवनंतपुरम
- स्नातक के बाद उन्होंने UPSC परीक्षा 2014 में 10वीं रैंक हासिल कर देशभर में नाम रोशन किया।
पारिवारिक पृष्ठभूमि से भी जुड़ी प्रशासनिक उत्कृष्टता
आईएएस मेधा रूपम के पिता ज्ञानेश कुमार गुप्ता वर्तमान में भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त हैं। प्रशासनिक अनुशासन, सटीक निर्णय क्षमता और पारदर्शिता उनकी कार्यशैली की पहचान रही है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में शानदार कार्यकाल
मेधा रूपम ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) में अतिरिक्त सीईओ के रूप में भी कार्य कर चुकी हैं, जहाँ उन्होंने:
- ई-गवर्नेंस और पारदर्शिता को बढ़ावा दिया
- बिल्डर-बायर्स विवादों को प्राथमिकता से सुलझाने की शुरुआत की
- औद्योगिक भूखंड आवंटन में स्पष्ट और तेज़ प्रक्रिया लागू की
- महिला कर्मचारियों की सुरक्षा और सुविधा को लेकर गाइडलाइन बनाई
उनकी कार्यशैली ने प्राधिकरण की कार्यक्षमता में स्पष्ट सुधार लाया।
गौतमबुद्ध नगर में नई भूमिका: क्या होंगी प्राथमिकताएं?
उत्तर प्रदेश का प्रमुख औद्योगिक जिला गौतमबुद्ध नगर, जिसमें नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे जैसे आर्थिक केंद्र आते हैं, अब मेधा रूपम के नेतृत्व में नई दिशा की ओर अग्रसर होगा।
उनकी प्राथमिकताएं हो सकती हैं:
- औद्योगिक परियोजनाओं की निगरानी और गति
- किसानों की समस्याओं का हल व भूमि अधिग्रहण में पारदर्शिता
- बिल्डर-बायर्स विवादों को त्वरित सुलझाना
- महिला सुरक्षा, ट्रैफिक सुधार और पर्यावरण संतुलन पर जोर
- 2027 विधानसभा चुनावों की तैयारी में प्रशासनिक समन्वय।