ग्रेटर नोएडा। एनटीपीसी दादरी में मंगलवार को नगर परिसर स्थित एक क्वाटर को अवैध कब्जे से मुक्त करवा लिया गया है। एनटीपीसी दादरी टाउनशिप परिसर में क्वार्टर नंबर A-159, एक सिपाही सोनम को उनके अनुरोध पर आवंटित किया गया था। आवंटन की शर्त यह थी कि यदि उनका स्थानांतरण दादरी थाने की सीमा से बाहर किया जाता है तो उन्हें स्थानांतरण के 30 दिनों के भीतर क्वार्टर खाली करना होगा।
इसके साथ ही एनटीपीसी टाउनशिप में आवास अवंटित के समय प्रबंधक समियी ने यह भी कहा कि यदि आवास में अपने किसीरिश्तेदार या पारिवारिक सदस्य द्वारा कोई अवैधानिक गतिविधियां या एनटीपीसी आवासीय परिसर हेतु जारी नियमों का उल्लंधन किया जाता है तो एनटीपीसी प्रबंधन ऐसा पाये जाने पर अवंटित आवास को कभी भी निरस्त कर सकता है प्रार्थिनी को कोई आपत्ति नहीं होगी। एनटीपीसी प्रबंधन यह भी स्पष्ट करना चाहता है कि वीरेंद्र के खिलाफ अवैधानिक गतिविधियां के कारण एफ़आईआर दर्ज की गई थी।
दरअसल, सोनम का तबादला दादरी पुलिस थाने की सीमा से बाहर हो गया था, लेकिन उन्होंने एनटीपीसी प्रबंधन से इस तथ्य को छुपाया और आवंटित क्वार्टर में रहना जारी रखा। जब एनटीपीसी प्रबंधन को इसकी जानकारी हुई तो इसे अनाधिकृत कब्जा समझकर उसका आवंटन रद्द कर दिया गया। सोनम ने इस रद्दीकरण की कार्रवाई के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी और दिल्ली उच्च न्यायालय ने पहली सुनवाई में ही अयोग्यता के आधार पर इसे खारिज कर दिया।
इसके बाद एनटीपीसी दादरी के संपदा अधिकारी ने एक विस्तृत सुनवाई की, जिसमें सोनम को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका दिया गया था । सुनवाई के बाद एक सिविल जज के रूप में संपदा अधिकारी ने आवंटन रद्द कर दिया। बेदखली का आदेश 03.01.23 को दिया गया और क्वार्टर खाली करने के लिए सात दिन का समय दिया गया। यद्यपि, उसने सात दिनों के भीतर खाली नहीं किया। आखिरकार अब उसे को पुलिस की मदद से कानून के अनुसार उसे क्वार्टर से बाहर कर दिया गया। कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किया गया। इस बात से प्रबंधन चिंतित था कि टाउनशिप में उनके टाउनशिप में निवास करने से निरंतर रहने को टाउनशिप के निवासियों के लिए सुरक्षा खतरे के रूप में देखा जा रहा था। अतः उमत क्वाटर को अवैध कब्जे से मुक्त करना आवशक था।