गाजियाबाद में फेक दूतावास का भंडाफोड़ होने के बाद अब नोएडा में फेक पुलिस स्टेशन पकड़ा गया है। नोएडा पुलिस ने शनिवार रात को सेक्टर-70 में छापेमारी कर फेक पुलिस थाने का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने फेक पुलिस स्टेशन के छह गुर्गों को भी गिरफ्तार किया। आरोपी पश्चिम बंगाल के रहने वाले बताए जाते हैं। आरोपी खुद को सरकारी अधिकारी बताते थे। आरोपी बीते 15 दिनों से नोएडा जैसे शहर में फेक पुलिस स्टेशन चला रहे थे।
ऐसे बनाते थे लोगों को शिकार
बताया जाता है कि आरोपियों ने इंटरनेशनल पुलिस एंड क्राइम इंवेस्टिगेशन ब्यूरो के नाम से फेक कार्यालय बना रखा था। पुलिस उपायुक्त (मध्य नोएडा) शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि इस फेक पुलिस स्टेशन को संचालित करने वाले गुर्गे फेक डॉक्यूमेंट दिखाकर लोगों जांच के नाम पर डराते और उनसे पैसे ऐंठते थे। आरोपी खुद को इंटरपोल और आईबी से जुड़ा होने का दावा करते थे।
पुलिस थाने की तरह लगाया था बोर्ड
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने बाकायदा पुलिस थाने की तरह ही बोर्ड लगा रखा था। यही नहीं इन ठगों ने पुलिस के लोगो भी लगा रखे थे। आरोपी जिन लोगों को निशाना बनाते उनके सामने खुद को सरकारी अधिकारी बताते थे। आरोपियों ने कार्यालय स्थापित करने के लिए 4 जून को बाकायदा एक रेंट एग्रीमेंट तैयार किया था। आरोपियों के कब्जे से अंतर्राष्ट्रीय पुलिस एवं अपराध जांच ब्यूरो के चार बोर्ड बरामद किए गए हैं।
वेबसाइड पर लेते थे दान, ऐसे खुली पोल
आरोपियों ने www.intlpcrib.in नाम से एक वेबसाइट भी बना रखी थी। इसी वेबसाइड के जरिए वे दान लेते भी लेते थे। डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि पुलिस को इनकी कारगुजारियों के बारे में एक खुफिया जानकारी मिली। इसके बाद पुलिस ने गोपनीय तरीके से पूरे कार्यालय के बारे में छानबीन की। पुलिस को जांच में पता चला कि आरोपी पुलिस का काम करवाने और खुद को पुलिस के समान सिस्टम दिखाकर लोगों को शिकार बनाते थे।
नेटवर्क का विस्तार करने से पहले ही दबोचा
पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरोह को दबोचने की कार्रवाई नोएडा थाना फेज-3 की पुलिस टीम ने की। गिरोह के गुर्गें फेक कार्यालय बनाकर खुद को एक अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसी का सदस्य बताते थे। आरोपी फेक पहचान पत्र और पुलिस लोगो का इस्तेमाल करते थे। आरोपी विभिन्न फेक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रमाणपत्र दिखाकर अनजान लोगों से दान भी मांगते थे। यह गिरोह अपने नेटवर्क का विस्तार कर पाता इससे पहले ही नोएडा पुलिस ने उसे जेल की हवा खिलाने का काम किया।
पूछताछ और सत्यापन का देते थे हवाला
डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने आगे बताया कि आरोपी खुद को अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसी का हिस्सा बताकर सत्यापन करने या उनसे पूछताछ करने के बहाने मासूम लोगों से संपर्क करते थे। इसके बाद लोगों से ठगी का तानाबाना बुना जाता था। आरोपियों के पास से नकली स्टाम्प, नकली लेटरहेड और विभिन्न सरकारी एजेंसियों के नकली लोगो बरामद हुए हैं। आरोपियों में विभाष चंद्र अधिकारी (27), विधि स्नातक अराग्य अधिकारी (26), पिंटू पाल (27), समापदल (25) पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के निवासी हैं।
सभी आरोपी मात्र 12वीं पास
आरोपियों में बाबुल चंद्र मंडल (27), आशीष कुमार (57) भी शामिल हैं। ये सभी महज 12वीं पास हैं। बाबुल चंद्र मंडल और आशीष कुमार क्रमशः 24 परगना और कोलकाता के निवासी बताए जाते हैं।
बरामद हुए ये सामान
पुलिस ने गिरोह के पास से 9 मोबाइल फोन, 17 स्टाम्प सील, छह चेक बुक, नौ पहचान पत्र, एक पैन कार्ड, एक वोटर कार्ड, छह एटीएम कार्ड, तीन प्रकार के विजिटिंग कार्ड, मंत्रालयों द्वारा मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्र और एक सीपीयू जब्त किया है। आरोपियों के कब्जे से अंतर्राष्ट्रीय पुलिस एवं अपराध जांच ब्यूरो के चार बोर्ड के साथ ही 42,300 रुपये नकद एवं अन्य दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। फिलहाल नोएडा पुलिस यह पता लगा रही है कि आरोपियों ने कितने मासूम लोगों से ठगी की है।