टाइगर रिजर्व में बाघ के साथ हाथी भी इंसानों पर हमलावर हो गए। मूसापुर गांव में मंगलवार रात नेपाली हाथियों के झुंड ने तीन ग्रामीणों को कुचल दिया। इनमें एक की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि दो गंभीर घायल है। घटना के बाद दहशत के साथ ग्रामीणों में काफी आक्रोश है।
माधोटांडा क्षेत्र के मूसेपुर गांव में शारदा नदी का क्षेत्र होने के चलते हाथियों की दहशत बनी रहती है। मंगलवार देर रात मूसापुर गांव निवासी रमेश (42) पुत्र बालचंद गांव के ही बाबूराम और सुरेंद्र लाल के साथ खेत से घर लौट रहे थे। इसी दौरान जंगल से निकले पांच नेपाली हाथियों ने ग्रामीणओं पर हमला कर दिया।
लेकिन हाथियों ने कुछ दूरी पर जाकर ग्रामीणों को पटक दिया। तीनों को बुरी तरह से कुचला। जिससे रमेश की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि सुरेंद्र और बाबूराम की हालत गंभीर बताई जा रही है। जानकारी पर एकत्र हुए ग्रामीणों ने शोर मचाकर व पटाखे दाग कर हाथियों को भगाया। घटना को लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश है।
वन विभाग पर लापरवाही का भी ग्रामीण आरोप लगा रहे हैं। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए क्षेत्रीय वन चौकी से स्टाफ को हटा लिया गया। रेंजर अरुण मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि हाथियों के हमले में एक ग्रामीण की मौत हुई है जबकि दो अन्य घायल हैं। अफसरों को घटना की जानकारी दे दी गई है। इधर ग्रामीणों का कहना है कि पांच हाथी कई दिनों से गांव की सीमा में आतंक मचा रहे थे। इसके बाद भी वन विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। जिस कारण बड़ी घटना हो गई।
ग्रामीणों का कहना है कि हाथी कई दिन से क्षेत्र में दहशत फैला रहे थे। फसलों को भी उजाड़ रहे थे। इसकी जानकारी वन विभाग को थी, लेकिन विभाग की ओर से लापरवाही बरती गई। निगरानी करने की हवा हवाई बातें कही जाती रहीं। जिस कारण मंगलवार रात बड़ी घटना हो गई।