प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (1 दिसंबर) को श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से बात की। इस दौरान उन्हें चक्रवाती तूफान ‘दितवाह’ से प्रभावित सभी क्षेत्रों में पुनर्वास प्रयासों में निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया। पीएम मोदी ने टेलीफोन पर बातचीत में श्रीलंका में हुई जान-माल की हानि और तबाही पर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत के लोग संकट की इस घड़ी में द्वीपीय राष्ट्र के लोगों के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़े हैं।

प्रधानमंत्री ने ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के जरिए भारत की लगातार मदद का भी भरोसा दिया। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति दिसानायके ने आपदा के मद्देनजर भारत की सहायता के लिए गहरा आभार व्यक्त किया। इस दौरान बचाव दलों और राहत सामग्री को तुरंत भेजने की सराहना की। बयान में कहा गया है कि दिसानायके ने भारत के समय पर और प्रभावी प्रतिक्रिया प्रयासों के लिए श्रीलंका के लोगों की ओर से सराहना भी व्यक्त की।
बयान में आगे कहा गया, “प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति दिसानायके को ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत श्रीलंका को भारत के निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया। इससे संकटग्रस्त लोगों को बचाव और राहत प्रदान की जा सके।” PM मोदी ने दिसानायके को आश्वासन दिया कि भारत अपने विजन ‘महासागर’ और ‘फर्स्ट रिस्पॉंडर’ के रूप में अपनी स्थापित स्थिति के अनुरूप आने वाले दिनों में श्रीलंका को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करना जारी रखेगा।
उन्होंने कहा कि श्रीलंका वापसी के लिए प्रयास कर रहा है। सार्वजनिक सेवाएं फिर से शुरू कर रहा है। प्रभावित क्षेत्रों में आजीविका बहाल करने की दिशा में काम कर रहा है। दोनों नेताओं ने निकट संपर्क में रहने पर सहमति व्यक्त की। पिछले सप्ताह श्रीलंका के कुछ हिस्सों में आए साइक्लोन दितवाह (Cyclone Ditwah) ने विनाश का तांडव मचाया।
इससे 316,366 परिवारों के 11,51,776 लोग प्रभावित हुए। चक्रवात के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या सोमवार शाम छह बजे तक 366 हो गई। जबकि 367 लोग लापता हैं। भारत ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत श्रीलंका को खाना, टेंट, तिरपाल, दवाइयां, सर्जिकल सामान और खास बचाव टीमें भेज रहा है।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, साइक्लोन दितवाह के बाद भारत ने तेजी से काम किया। कोलंबो में इंडियन नेवी के दो जहाजों ने 9.5 टन इमरजेंसी खाना दिया। इंडियन एयर फोर्स के तीन एयरक्राफ्ट 31.5 टन और सप्लाई ले गए। इसमें टेंट, कंबल, हाइजीन किट, रेडी-टू-ईट खाना, दवाइयां और सर्जिकल सामान शामिल है।
इसके अलावा, सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद के लिए NDRF के 80 लोगों को भेजा गया है। INS सुकन्या पर 12 टन और मदद भेजी गई है। कोलंबो में बाढ़ का पानी रात भर में अपने चरम पर पहुंच गया है। बारिश कम होने के बाद अब कुछ शहरों में राहत मिलता दिख रहा है।












