ग्रेटर नोएडा (संचार नाउ)। महाकुंभ में लोगों की आस्था को देखते हुए जिला कारागार में बंदियों को त्रिवेणी के जल से स्नान कराया गया। इसके लिए पहले पूर्ण श्रद्धा भाव से विधि विधान के साथ त्रिवेणी संगम से जलाया गया और फिर इस पवित्र जल को कलश में भरकर मंत्रो उच्चारण के साथ पूजा अर्चना करते हुए सर्वप्रथम कलश यात्रा निकाली गई। जिसमें 11 विद्वान पंडितों और बंदी साथ में ढोल ताशो के साथ समस्त बैरकों में गए। इस दौरान सभी बंदियों में जबरदस्त उत्साह में देखने को मिला।
दरअसल, महाकुंभ 2025 में वैश्विक स्तर पर भारत को गौरवान्वित कर नए-नए कीर्तिमान स्थापित किये है। महाकुंभ महोत्सव 2025 का यह अद्भुत अमृतकाल जो 144 वर्षों के बाद प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर 13 जनवरी से 26 फरवरी तक मनाया जा रहा है जिसके शुद्ध एवं पवित्र जल में करोड़ों श्रद्धालु एवं धार्मिक अखाड़े के साधु संतों द्वारा डुबकी लगाकर शाही स्नान कर अपने जीवन को सफल किया जा रहा है। ऐसे में कारगर की चार दिवारीयों में बंद समाज का एक वर्ग स्नान कर चुके करोड़ों श्रद्धालुओं की संख्या में अपने आप को सम्मिलित किए जाने से कैसे और क्यों वंचित रहे। इसी को देखते हुए गौतम बुद्ध नगर की लुक्सर जेल में शुक्रवार को संगम के जल से बंदियों को स्नान कराया गया।
जिला गौतम बुद्ध नगर की जिला कारागार लुक्सर के जेल अधीक्षक बृजेश सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और जिला कारागार मंत्री के निर्देशों के अनुरूप जिला जेल लुक्सर में शुक्रवार को महाकुंभ से लाए गए पावन जल से बंदियों को स्नान कराया गया। इसके लिए जिला कारागार गौतम बुद्ध नगर के अधिकारियों द्वारा विशेष तैयारी करते हुए त्रिवेणी संगम का पावन जल कारागार पर लाए जाने की व्यवस्था की गई। पूर्ण श्रद्धा भाव से विधि विधान के साथ त्रिवेणी संगम से ले गए इस पवित्र जल को कलश में भरकर मंत्र उच्चारण के साथ पूजा अर्चना करते हुए सर्वप्रथम कलश यात्रा निकाली गई। जिसमें 11 विद्वान पंडित और बंदी साथ में ढोल ताशा के साथ समस्त बैरकों में गए। जेल में बंद समाज की धार्मिक भावनाओं को देखते हुए यह व्यवस्था की गई।
जेल में जब कलश यात्रा निकाली जा रही थी तो बंदियों के द्वारा पुष्प वर्षा की गई एवं स्पर्श कर आशीर्वाद लिया गया। इसके पश्चात जल कुंड के पानी में पवित्र जल मिलाकर संपूर्ण पानी को अमृत में किया गया। इसके बाद बंदियों द्वारा भी पूर्ण उत्साह एवं श्रद्धा के साथ संगम के पवित्र जल से स्नान कर अपने जीवन को धन्य किया गया। इस दौरान हर हर गंगे एवं महादेव की जय जय करते हुए धार्मिक यात्रा में सभी बंदी शामिल हुए। इसके साथ ही कारागार परिसर में रह रहे परिवार के लोगों को 500 बोतल संगम के पवित्र जल की विस्तृत की गई।