Meeting Of Opposition Parties: इंडिया गठबंधन की हालत कुछ ठीक दिख नहीं रही है. बार-बार कांग्रेस और उसके सहयोगी दल एकजुटता दिखाने की कोशिश करते हैं लेकिन बार-बार उनके किए कराए पर पानी फिर जाता है. अब मंगलवार वाली बैठक को ही ले लीजिए. गठबंधन बनाया ही इसीलिए गया था कि विपक्षी पार्टियां मिलकर बीजेपी का सामना करेंगी लेकिन यहां तो सब एक दूसरे का गेम बजाने में लगे हैं. मंगलवार को जब इंडिया दलों की बैठक हुई तो बताया गया कि यह तय हुआ है कि जल्द ही शीट शेयरिंग के मामले पर एकराय बन जाएगी. लेकिन अगले ही दिन नीतीश के पार्टी के सांसद ने ऐसा बयान दे दिया कि इंडिया गठबंधन की बैठक हवा-हवाई लगने लगी है. असल में जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू का बयान सामने आया है जो चौंकाने वाला है. उन्होंने कहा कि कल की बैठक में कई दलों के बड़े नेता गठबंधन में हिस्सेदारी के लिए आए थे. लेकिन इस पर कोई चर्चा नहीं हो सकी.
जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने साफ-साफ कह दिया कि कल की बैठक चाय बिस्किट तक ही सीमित रही. क्योंकि कांग्रेस ने हाल ही में कहा था कि उनके पास फंड की कमी है और वे 138 रुपए, 1380 रुपए या 13,800 रुपए का चंदा मांग रहे हैं. अभी तक चंदा आना बाकी है. इसलिए कल की बैठक बिना समोसे के सिर्फ चाय और बिस्कुट पर बिना किसी गंभीर मुद्दे पर चर्चा के खत्म हो गई है.’ अब सुनील कुमार पिंटू के इस बयान को नीतीश कुमार से उनकी बगावत समझा जाए या इसे खुद नीतीश कुमार का मूड समझा जाए, कहना मुश्किल है. लेकिन एक बात तो तय है इस बयान ने इंडिया गठबंधन की बैठक की पोल खोल दी है. इतना ही नहीं सुनील कुमार पिंटू ने यह भी कहा कि सबसे बड़ी बात है कि कल की जो बैठक थी, सारे विपक्ष के बड़े नेता आए थे, मुख्यमंत्री लोग आए थे, सीटों का बंटवारा होना था, लेकिन इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है.
नीतीश से भी एक कदम आगे निकल गए
कांग्रेस पार्टी के पास फंड की कमी का जिक्र करते हुए सुनील कुमार पिंटू यहीं नहीं रुके, बल्कि एक कदम आगे ही निकल गए. उन्होंने कहा कि मैंने इससे पहले भी एक बार कहा था कि इंडिया एलायंस की बैठक में चाय-समोसे पर ही मीटिंग सिमट जाती है. हालांकि सुनील कुमार पिंटू कई मौकों पर नीतीश की पार्टी से अलग लाइन पर बयान देते रहे हैं. इसकी एक बानगी तब देखने को मिली जब पिछले दिनों पांच राज्यों के चुनावी परिणाम आए और राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में बीजेपी ने सरकार बनाई. इसके बाद उन्होंने खुले तौर पर प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की और कांग्रेस को कोसा था. बताया गया कि उधर बैठक में नीतीश कुमार भी कुछ खुश नजर नहीं आए हैं.
क्या हुआ था मंगलवार की मीटिंग में
वैसे तो मीटिंग के बाद बताया गया कि मीटिंग सफल रही है और यह तय हुआ है कि जल्द ही शीट शेयरिंग के मामले पर एकराय बन जाएगी. लेकिन मीटिंग का नजारा कुछ और ही था. मीटिंग में ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को विपक्षी गठबंधन का चेहरा बनाए जाने का प्रस्ताव रखा. इस प्रस्ताव का केजरीवाल समेत 12 पार्टियों ने समर्थन भी किया और चुनाव में दलित चेहरे के साथ जाने के फायदे भी गिना डाले. बस इससे कुछ खुश हुए तो कुछ नाराज हो गए. लालू और नीतीश खफा होकर संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ही होटल से निकल गए. इसे लेकर तमाम चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया है. मीटिंग में 28 पार्टियों के नेता शामिल हुए जो लास्ट तक नहीं रुक पाए.
उधर पंजाब में आप का खेल जारी
अब केजरीवाल इंडिया गठबंधन में शामिल जरूर हैं लेकिन उन्होंने पंजाब को लेकर ऐलान पहले ही किया हुआ है. केजरीवाल पहले ही पंजाब की रैलियों में पंजाब की जनता से पूरी 13 सीटें मांग रहे हैं तो वहीं अब राज्य में पार्टी के नेता भी यही बात दोहराने लगे हैं. उनके खिलाफ कांग्रेस की पंजाब कमेटी के मुखिया अमरिंदर सिंह भी आर-पार के मूड में हैं. हाल ही में उन्होंने एक बयान दिया कि कांग्रेस भी सभी 13 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी. इसक मतलब यही है कि पंजाब में तो गठबंधन है ही नहीं. अब देखना होगा कि इंडिया गठबंधन यह रायता कैसे समेटेगी.