प्रयागराज: दो साल पहले बरेली में तैनात एसडीएम ज्योति मौर्या और उनके पति चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आलोक मौर्या के विवाद ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं। एक बार फिर यह मामला चर्चा में है। आलोक मौर्या ने अपनी बीवी से गुजारा भत्ता दिलाए जाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख किया है। आलोक की याचिका पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने ज्योति मौर्या को नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई आठ अगस्त को होगी।
आलोक ने ज्योति पर होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे से अवैध संबंध, भ्रष्टाचार समेत कई आरोप लगाए हैं। आलोक मौर्या पंचायत विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर कार्यरत हैं। ज्योति और आलोक की शादी साल 2010 में हुई थी। आलोक ने 2009 में सरकारी नौकरी हासिल की थी और अपनी पत्नी ज्योति को पढ़ाई-लिखाई और पीसीएस की तैयारी के लिए पूरा सहयोग दिया। साल 2015 में ज्योति का चयन पीसीएस अधिकारी के रूप में हुआ
कमांडेंट मनीष दुबे से ज्योति के अवैध संबंध: आलोक मौर्या
आलोक के मुताबिक, साल 2020 तक सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन इसके बाद मनीष दुबे की एंट्री ने उनके रिश्ते में दरार डाल दी। आलोक मौर्या ने आरोप लगाया है कि ज्योति ने शादी के बाद से ही उनके प्रति उपेक्षित व्यवहार किया और अब वह उन्हें आर्थिक सहायता देने से भी इनकार कर रही हैं। इस मुद्दे को लेकर आलोक ने पहले परिवारिक न्यायालय में गुजारा भत्ता की मांग की थी। वहां राहत न मिलने पर उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए ज्योति मौर्या को नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा है।