ज्ञानवापी को लेकर चल रही अदालती लड़ाई के बीच आज शुक्रवार (25 अक्टूबर) का दिन बेहद अहम था. ज्ञानवापी विवाद को लेकर हिंदू पक्ष को बड़ा झटका लगा है. अब वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक ने अपना फैसला सुनाते हुए हिंदू पक्ष की एएसआई सर्वे की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया.
वहीं ज्ञानवापी मामले पर हिंदू पक्ष के वकील विजय शंकर रस्तोगी ने कहा कोर्ट ने एएसआई द्वारा पूरे ज्ञानवापी क्षेत्र की सुरक्षा के अतिरिक्त सर्वेक्षण के हमारे आवेदन को खारिज कर दिया है. हम इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जाएंगे.
बता दें कि कोर्ट में हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी के मुख्य गुंबद के नीचे शिवलिंग का दावा किया है. इसके साथ ही हिंदू पक्ष ने यहां खुदाई कराकर एएसआई सर्वे कराने की मांग की. हिंदू पक्ष की याचिका का मुस्लिम पक्ष ने विरोध करते हुए कहा था कि खुदाई से मस्जिद स्थल को नुकसान पहुंच सकता है.
साल 1991 में दाखिल की गई याचिका
दरअसल ज्ञानवापी मस्जिद के मालिकाना हक हासिल करने के लिए साल 1991 में हरिहर पांडे, सोमनाथ व्यास और रामरंग शर्मा की ओर से एक याचिका दाखिल की थी. लगभग दो दशक चली सुनवाई के बाद हिंदू पक्ष की ओर से वाराणसी की सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में दो मांग रखी गई.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर वजूखाने को किया सील
जिसमें पहली मांग ये थी कि वजूखाने का ASI सर्वे किया जाए, ताकि पता लगा सके कि क्या वाकई वहां पर शिवलिंग है या फव्वारा. वहीं हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद के मुख्य गुंबद के नीचे 100 फीट का शिवलिंग है. ऐसे में मस्जिद के ढांचे को बगैर नुकसान पहुंचाए, खुदाई की जाए, ताकि शिवलिंग के दावे का पता लग सके. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर वजूखाने को सील किया गया है.