Sanchar Now। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण में किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता पर हल करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार के साथ शनिवार को ग्रेटर नोएडा आए मुख्य सचिव ने कहा कि तीनों प्राधिकरण प्रत्येक किसान की सूचित तैयार करे। उनके प्राप्त होने वाले लाभ बिना विलंब देना सुनिश्चित करें। मुख्य सचिव ने किसानों की समस्याओं को निस्तारित करने में अवरोध उत्पन्न करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही की चेतावनी दी है।
दरअसल, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने शनिवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, नोएडा प्राधिकरण और यमुना प्राधिकरण के साथ पुलिस व जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बोर्ड रूम में बैठक की। किसानों की मांगों को हल करने के लिए बनी उच्च स्तरीय समिति की सिफारिश पर चर्चा करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि किसानों की पात्रता निर्धारण, अतिरिक्त प्रतिकार और लीजबैक के प्रकरणों को प्राथमिकता पर हल करने के लिए गांव में शिविर लगाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अंतर्गत तीनों प्राधिकरण भूमिहीन किसानों की पात्रता निर्धारण कर वेंडिंग जोन में जगह आवंटित करें। मुख्य सचिव ने कहा कि किसानों के कामों में अवरोध उत्पन्न करने वाले प्राधिकरण कर्मियों को चिन्हित कर सूची प्रदान करें ऐसे प्राधिकरण कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने ऐसे स्टाफ पर इन प्राधिकरण से स्थानांतरित करने की चेतावनी दी। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रत्येक किसान की सूची तैयार कर ले किस किसान को क्या हक दिया जाना है। इसकी जानकारी तीनों प्राधिकरणों को होनी चाहिए और उनकी मांगों का निस्तारण समयबद्ध तरीके से किया जाए।
इसके साथ ही मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री किसानों की समस्याओं को हल करने के प्रति बेहद गंभीर हैं। उनके निर्देश पर ही यह बैठक आयोजित की गई है। किसानों की समस्याओं को हल करने में लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह, मेरठ मंडल आयुक्त जे सेल्वा कुमारी, नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एम लोकेश, डीएम मनीष कुमार वर्मा, यमुना प्राधिकरण की एसीईओ श्रुति, नोएडा के एसीईओ संजय खत्री, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ श्रीवास्तव, सुनील कुमार सिंह, श्रीलक्ष्मी वीएस और प्रेरणा सिंह सहित प्राधिकरण, पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।
किसानों को बैठक में नहीं किया शामिल
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में मुख्य सचिव डीजीपी सहित प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक में किसानों की तरफ से किसी को शामिल नहीं किया गया। एक तरफ जहां किसान लगातार अपनी गिरफ्तारी दे रहे हैं किसानों को जेल भेजा जा रहा है वही इस बैठक में उनको शामिल न करना बड़ा सवाल खड़ा करता है। इस बैठक में किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए कहा गया है वही उनके लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। ऐसे में किसानों की समस्याएं कब तक हो पाएंगे यह आने वाला समय ही बता पाएगा।