संचार नाउ। किसान संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधियों ने आज प्रमुख सचिव (औद्योगिक) आलोक कुमार के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक यमुना प्राधिकरण में की। बैठक के दौरान प्रमुख सचिव ने हाई पावर कमेटी की सिफारिशों को शीघ्र लागू करने का आश्वासन दिया, जिसमें आबादी के मामलों का शीघ्र निस्तारण प्रमुख रूप से शामिल है। हालांकि, नए भूमि अधिग्रहण कानून को लागू करने एवं 10% प्लॉट के मुद्दे पर उन्होंने कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया। इस पर किसान संघर्ष मोर्चा के नेताओं ने मुख्य सचिव स्तर पर त्वरित वार्ता कराने की मांग रखी।
दरअसल, गौतम बुध नगर के किसान प्राधिकरणों की नीतियों से परेशान अपनी मांगों को पूरा करने के लिए लगातार आंदोलन करते रहते हैं। गौतम बुद्ध नगर में नोएडा प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यमुना प्राधिकरण है। तीनों प्राधिकरणों से प्रभावित किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए कई किसान संगठनों ने मिलकर किसान संघर्ष मोर्चा का गठन किया। जिसके द्वारा किसानों की मांगों को लेकर कई बार आंदोलन भी किया गया अब किसान संघर्ष मोर्चे को प्रशासन के द्वारा अधिकारियों से वार्ता कर उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया गया है। उसी के चलते आज किसानों की यमुना प्राधिकरण में प्रमुख सचिव औद्योगिक से वार्ता हुई।
किसान संघर्ष मोर्चे के द्वारा यमुना प्राधिकरण में हुई मुख्य सचिव औद्योगिक से वार्ता के दौरान किसानों की कई प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा हुई। वार्ता के दौरान किसानों के द्वारा रखे गए प्रमुख बिंदु
- हाई पावर कमेटी की सिफारिशों पर सहमति: प्रमुख सचिव ने आबादी निस्तारण से जुड़ी सिफारिशों को तुरंत लागू करने का भरोसा दिया।
- 10% प्लॉट का मुद्दा: इस विषय पर उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके स्तर पर इस समस्या का समाधान संभव नहीं है।
- नए भूमि अधिग्रहण कानून पर ठोस जवाब नहीं: प्रमुख सचिव इस मुद्दे पर कोई निश्चित आश्वासन देने में असमर्थ रहे।
यमुना प्राधिकरण में शुक्रवार को किसान संघर्ष मोर्चे की वार्ता प्रमुख सचिव (औद्योगिक) आलोक कुमार के साथ हुई। इस वार्ता के बाद किसान नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी जो इस प्रकार है।
भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने वार्ता के नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “प्रमुख सचिव सिर्फ हाई पावर कमेटी की सिफारिशों पर ही सहमति जता सके, लेकिन 10% प्लॉट और नए कानून को लेकर उन्होंने अपने स्तर पर समाधान करने में असमर्थता जाहिर की।”
किसान एकता संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोरन प्रधान ने कहा कि “प्रमुख सचिव ने 10% प्लॉट और नए कानून पर अपनी असमर्थता जाहिर कर दी है, इसलिए इन दोनों मुद्दों पर मुख्य सचिव के साथ तत्काल वार्ता आवश्यक है।”
अखिल भारतीय किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ. रुपेश वर्मा ने कहा कि “हाई पावर कमेटी किसान संघर्ष मोर्चा के लंबे आंदोलन का परिणाम थी। इस कमेटी ने नोएडा में 450 वर्ग मीटर की सीमा को बढ़ाकर 1000 वर्ग मीटर करने की सिफारिश की थी, जिसे जल्द से जल्द लागू किया जाए। इसके साथ ही अतिक्रमण को 5% के प्लाटों से डी-लिंक कर सभी को 5% के प्लांट आवंटित किए जाए। वही नोएडा प्राधिकरण में लंबित आबादी विनियमितीकरण की प्रक्रिया में 5क, 5ख व 5ग कर पूर्ण लीज बैक की जाए।”
किसान संघर्ष मोर्चा की प्रमुख मांगे –
1. हाई पावर कमेटी की सभी सिफारिशों को अविलंब लागू किया जाए।
2. 10% प्लॉट के संबंध में ठोस निर्णय लिया जाए।
3. नए भूमि अधिग्रहण कानून को शीघ्र प्रभावी किया जाए।
4. मुख्य सचिव स्तर पर तत्काल वार्ता आयोजित की जाए।
प्रमुख सचिव के साथ हुई किसान संघर्ष मौर्चा की वार्ता में उपस्थित अन्य वरिष्ठ किसान नेताओं में वीर सिंह नागर, उदल आर्य, सचिन एडवोकेट, निशांत रावल, गबरी मुखिया, सतीश कनाररसी, वनीष प्रधान, जगबीर नंबरदार, जयवीर प्रधान, प्रेमपाल चौहान, गोपाल शर्मा, मुकेश राणा आदि शामिल रहे। किसान संघर्ष मोर्चा ने साफ कर दिया है कि यदि 10% प्लॉट और नए कानून को लेकर जल्द कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती, तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।