रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार शाम को डीएमएसआरडीई में रक्षा अनुसंधान से जुड़े नए उत्पादों का निरीक्षण किया। ब्रह्मोस मिसाइल के लिए विकसित स्वदेशी रैमजेट ईंधन सहित कई अत्याधुनिक उत्पादों का जायजा लिया। कहा कि डीएमएसआरडीई और देश की इंडस्ट्री के बीच मजबूत साझेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 मिशन को गति दे रही है।

चकेरी एयरफोर्स स्टेशन से करीब 4:45 बजे रक्षामंत्री सीधे जीटी रोड स्थित रक्षा सामग्री एवं भंडार अनुसंधान एवं विकास स्थापना (डीएमएसआरडीई) पहुंचे। गेट के बगल में लगी पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। प्रदर्शनी कक्ष में उन्हें केमिकल वारफेयर में सुरक्षात्मक एसीएफ बेस्ड सीबीआरएन सूट, इंडियन कोस्ट गार्ड के लिए हाईप्रेशर पॉलीमेरिक मेंब्रेन और एडवांस्ड स्टील्थ टेक्नोलॉजी जैसे स्वदेशी उत्पादों की जानकारी दी गई।विज्ञापन
रक्षा मंत्री ने लैब में चल रहे लेटेस्ट डिफेंस मैटीरियल्स रिसर्च और इनोवेशन देखा। डीएमएसआरडीई के डायरेक्टर ने उन्हें लैब के विजन, मिशन, चार्टर, चल रहे प्रोजेक्ट और टेक्नोलॉजी फोकस एरिया की जानकारी दी। रक्षा मंत्री ने बुलेट प्रूफ जैकेट (लेवल-6), ब्रह्मोस मिसाइल के लिए नैफ्थिल फ्यूल, इंडियन कोस्ट गार्ड जहाजों के लिए हाई प्रेशर पॉलीमेरिक मेम्ब्रेन, सिलिकॉन कार्बाइड फाइबर, बॉयोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर सूट बनाने की कोशिशों की तारीफ की। उन्होंने टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट को यूजर की जरूरतों के हिसाब से करने पर जोर दिया। उन्होंने डेवलप्ड डिफेंस प्रोडक्ट्स-टेक्नोलॉजी की एक्सपोर्ट संभावनाओं को तलाशने के लिए कहा। कहा कि डीटीटीसी लखनऊ में एमएसएमई और इंडस्ट्री के बीच बातचीत को बढ़ाया जाना चाहिए। डीएमएसआरडीई के निदेशक डॉ. के मुखोपाध्याय ने उत्पादों, उनकी लागत और सैन्य आवश्यकता आदि के बारे में बताया। इस दौरान डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ. समीर वी कामत, महानिदेशक आरवी हरिप्रसाद आदि मौजूद रहे।
राम मंदिर धर्मध्वजा तैयार करने वाले कर्मियों की सराहना की
चकेरी एयरफोर्स स्टेशन पर भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ के छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने रक्षामंत्री से मुलाकात कर आयुध कर्मियों का भविष्य सुरक्षित करने की मांग रखी। कार्यकारी अध्यक्ष मुकेश सिंह ने प्रसार भारती मॉडल के तहत शीघ्र नोटिफिकेशन जारी करने की मांग की। रक्षामंत्री ने जीआईएल की पैराशूट फैक्टरी में अयोध्या राममंदिर की धर्मध्वजा तैयार करने वाले कर्मचारियों की सराहना की। प्रतिनिधिमंडल में मुकेश सिंह, साधू सिंह, योगेंद्र सिंह चौहान, सरबजीत सिंह, पुनीत चंद्र गुप्ता और तनवीर अहमद शामिल रहे।











