देहरादून: बुजुर्ग विधवा कमलेश व उनकी नामिनी असहाय पुत्री प्रीति को बीमित ऋण पर क्लेम प्राप्त होने के बावजूद अतिरिक्त धनराशि जमा कराने के लिए प्रताड़ित कर रहे बैंक आफ बड़ौदा की बल्लूपुर शाखा पर जब जिलाधिकारी सविन बंसल ने चाबुक चलाया तो बैंक प्रबंधन बैकफुट पर आ गया।

जिलाधिकारी के निर्देशों पर प्रशासन ने बैंक की 3.30 लाख रुपये की आरसी काटी तो 24 घंटे के भीतर ही बैंक ने 3.30 लाख रुपये का चेक नामिनी पुत्री प्रीति के नाम जारी कर दिया।
जिलाधिकारी कार्यालय में गुरुवार को प्रीति सिंह ने अपनी व्यथा सुनाते हुए बताया कि उनके पिता स्व. राजेंद्र पाल ने वर्ष 2023 में बैंक आफ बड़ौदा से 13 लाख रुपये का ऋण लिया था।
बैंक प्रबंधन के कहने पर ऋण को सुरक्षित करने के लिए इसका बीमा कराया गया। वर्ष 2023 से अप्रैल 2025 तक उनके पिता ने 22,295 रुपये प्रतिमाह की नियमित किस्तें जमा कीं।
अप्रैल 2025 में उनके पिता का निधन हो गया, जिसकी सूचना बैंक और बीमा कंपनी को तत्काल दे दी गई थी।
जून 2025 में बीमा कंपनी ने ऋण के क्लेम की राशि बैंक में जमा कर दी। आरोप था कि इसके बावजूद बैंक ने नो ड्यूज सर्टिफिकेट जारी नहीं किया और प्रीति सिंह पर 3,30,980 रुपये अतिरिक्त जमा कराने का दबाव बनाने लगा। ऐसा न करने पर संपत्ति जब्त करने की धमकी दी।
बैंक की प्रताड़ित मां-बेटी की शिकायत को गंभीरता से लते हुए जिलाधिकारी सविन बंसल ने उप जिलाधिकारी (न्याय) कुमकुम जोशी को जांच व कार्रवाई के निर्देश दिए।
जिला प्रशासन द्वारा जांच में पाया गया कि बीमा क्लेम राशि प्राप्त होने के बाद भी बैंक अनुचित रूप से धनराशि की मांग कर रहा है। इस पर बैंक की 3,30,980 रुपये की आरसी काट दी गई।
आरसी कटने पर बैंक ने 24 घंटे के भीतर ही नामिनी प्रीति सिंह के नाम 3.30 लाख रुपये का चेक जारी कर दिया। शुक्रवार को जिलाधिकारी बंसल ने अपने कार्यालय में प्रीति सिंह को यह चेक सौंपा।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि किसी भी नागरिक के साथ वित्तीय संस्थान की ओर से की जाने वाली मनमानी व अनुचित व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिला प्रशासन हर पीड़ित की शिकायत का त्वरित समाधान सुनिश्चित करता रहेगा।













