संचार नाउ। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-तृतीय गौतमबुद्धनगर, संजय कुमार सिंह प्रथम की अदालत ने सोमवार, 28 जुलाई 2025 को एक ऐतिहासिक निर्णय सुनाते हुए हत्या के आरोपी अखिलेश पालिवाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इसे “रेयरेस्ट ऑफ रेयर” श्रेणी का अपराध मानते हुए दोषी को दोहरे दंड से दंडित किया।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रोहताश शर्मा ने बताया कि थाना कासना क्षेत्र निवासी पीड़िता सितारा खातून द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट के अनुसार, 3 सितंबर 2020 को आरोपी अखिलेश पालिवाल ने दहेज को लेकर अपनी पत्नी की निर्मम हत्या कर दी थी। घटना के समय मृतका अपनी मां के घर से पैसे लेकर आई थी। आरोपी शराब के नशे में था और विवाद के बाद उसने अपनी पत्नी की हत्या कर दी। बचाव करने की कोशिश में जब सास ने रोकना चाहा, तो उसे भी धक्का मार दिया गया।
पुलिस ने घटना की गंभीरता को देखते हुए मुकदमा संख्या 244/2020 दर्ज कर आरोपी को IPC की धारा 302 व 316 के तहत दर्ज किया। पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और मामले की चार्जशीट न्यायालय में पेश की। मुकदमे की सुनवाई सत्र परीक्षण संख्या 300/2020 के तहत की गई।
अदालत का निर्णय
जिला न्यायालय में मामले की सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय संजय कुमार सिंह प्रथम ने सभी गवाह और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की जिरह सुनी। उसके बाद साक्ष्यों के आधार पर आरोपी अखिलेश पालीवाल को दोषी करार दिया। अभियोजन पक्ष ने इस अपराध को “रेयरेस्ट ऑफ रेयर” बताते हुए कठोर सजा की मांग की, जिसे न्यायालय ने स्वीकार करते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
सजा का विवरण:
- धारा 302 IPC (हत्या): आजीवन कारावास व ₹10,000 का आर्थिक दंड।
- धारा 316 IPC (गर्भवती महिला की हत्या के प्रयास): 7 वर्ष का सश्रम कारावास व ₹5,000 का दंड।
दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। जुर्माना अदा न करने पर अतिरिक्त 3 माह की सजा भुगतनी होगी। वही जेल में बिताई गई अवधि को सजा में समायोजित किया जाएगा।