संचार न्यूज़। नकली नोट दिखाकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का दनकौर पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस ने डी के गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से पुलिस ने 2,34,500 रुपए असली और करोड़ों रुपए की नकली नोटों की गड्डियां बरामद की है। इसके साथ ही उनके पास से अन्य उपकरण भी बरामद किए गए हैं।
दरअसल, एनजीओ और कंपनियों में सहायता के रूप में रुपए देने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले तीन शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरोह एनजीओ से संपर्क कर उनके एनजीओ में सहायता के नाम पर निवेश करने के बदले 10% कमीशन लेते थे और उन्हें अपने पास रखे नकली नोट दिखाकर पहले 10 पर्सेंट कमीशन लेकर फिर उनके खाते में जमा करने का लालच देते थे।
एडिशनल डीसीपी ग्रेटर नोएडा अशोक कुमार ने बताया कि दनकौर थाना पुलिस ने एक ऐसे शातिर गिरोह का पर्दा पास किया है जो नकली रुपए दिखाकर एनजीओ को निशाना बनाते थे और उनके खाते में जमा करने के नाम पर पहले 10% कमीशन लेते थे। नकली नोटों को उनको दिखा देते थे और नकली नोटों की गड्डियों के ऊपर और नीचे असली नोट लगा देते थे। यह सभी गड्डियां 500 के नोटों की होती थी। पुलिस ने दिल्ली के जेजे कॉलोनी निवासी विशाल चौहान, जिला शाहजहांपुर निवासी मोबीन खान और जिला आगरा के थाना जैतपुर निवासी उपेंद्र सिंह को रविवार देर रात सलारपुर अंडरपास के पास से गिरफ्तार किया है। इनके पास से पुलिस ने आठ लोहे के बड़े बक्से बरामद किए हैं जिनमें 500 रुपए के नोटों के कुल 165 बंडल (1650 गड्डियां) बरामद की है।
लाखो के असली जबकि करोड़ो के नकली नोट बरामद
एडीसीपी ने बताया कि इस गिरोह का सरगना लखनऊ निवासी प्रवेश डीके अभी फरार है जिसके तलाश के लिए पुलिस जुटी हुई है। पुलिस ने इन आरोपियों के पास से 234500 रुपये असली जबकि 1650 नकली नोटों की गड्डियां बरामद की है नकली नोटों की कीमत 8 करोड़ 30 लाख रुपए है। इन सभी नकली नोटों के बंडलों पर ऊपर नीचे असली ₹500 के नोट लगे हुए है। इसी के साथ उनके पास से एक नोट गिनने की इलेक्ट्रॉनिक मशीन और एक नोटों के बंडल बनाने की इलेक्ट्रिक मशीन भी बरामद की गई है।
एनजीओ व छोटी कंपनियों को बनाते थे निशाना
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनका एक संगठित गिरोह है जिसको लखनऊ निवासी प्रवेश कुमार सिंह उर्फ डी के चलता है। गैंग का लीडर प्रवेश उर्फ डी छोटी-छोटी कंपनियां व एनजीओ को अपने झांसे में फँसाता था और कंपनियों व एनजीओ में रुपये निवेश करने का आश्वासन देता है कंपनी व एनजीओ से पूरी सहमति होने के बाद आरोपी विशाल चौहान,, मोबीन खान, उपेंद्र सिंह एवं अन्य लोगों को अपनी कंपनी का मैनेजर आदि बात कर कंपनी व एनजीओ में भेजता है। बरामद हुए इन्हीं रुपयों को दिखाकर डील करता है और कहता है कि यह पूरा पैसा हम फंडिंग करेंगे लेकिन इसके लिए आपको हमें पहले 10% रुपए नगद देने होंगे और शर्त रखते हैं कि यदि आप कागजी कार्रवाई 1 घंटे में पूर्ण नहीं करते तो हम आपको आपके 10% पैसे वापस नहीं करेंगे। इस प्रकार तय हुई फंडिंग की रकम के 10% रकम वसूल लेते हैं।
लखनऊ जाने से पहले चढ़े पुलिस के हत्थे
गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि वह बसों में नकली रुपए भर कर दिल्ली से लखनऊ की ओर जा रहे थे गाड़ी खराब होने के कारण उन्होंने इन भक्तों को झाड़ियां में छुपा दिया था। इस प्रकार बरामद हुई कुल असली रकम 234500 रुपये हैं जबकि 8 करोड़ 30 लाख नकली नोटों की गाड़ियों में है जिनको धोखाधड़ी के रूप में प्रयोग किया जाता था।