उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद शहर में सोमवार को सड़क पर कुछ ऐसा नज़ारा देखने को मिला जिसने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। यातायात माह के अवसर पर शहर के पीलिकोठी चौराहे पर एक व्यक्ति ‘यमराज’ का रूप धारण कर लोगों को मज़ेदार और प्रभावी तरीके से ट्रैफिक नियमों का महत्व समझाता नज़र आया। यह अनोखा अभियान परिवर्तन दा चेंज संस्था और ट्रैफिक पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया, जिसने राह चलते लोगों के चेहरे पर मुस्कान के साथ-साथ जिम्मेदारी का भाव भी पैदा किया।

लाल बत्ती होते ही सड़क पर आ गए ‘यमराज’
जैसे ही ट्रैफिक सिग्नल पर रेड लाइट होती, ‘यमराज’ का भेष धारण किए व्यक्ति तुरंत सड़क पर उतरकर वाहनों के पास पहुंचता और ड्राइवरों से बातचीत करते हुए उनकी गलतियां बताता। किसी ने हेलमेट नहीं पहना था, कोई गलत लेन में था, तो कुछ लोग जल्दबाज़ी में सिग्नल तोड़ने की कोशिश करते दिखे। ‘यमराज’ ने सभी को बेहद रोचक अंदाज़ में रोका और समझाया कि छोटी-सी गलती भी जीवन की सबसे बड़ी कीमत जान ले सकती है।
राहगीरों ने इस अनोखे अंदाज़ को सराहा और हंसते हुए स्वीकार किया कि कई बार वे भी जल्दबाज़ी में नियम भूल जाते हैं लेकिन अब जिम्मेदारी समझेंगे।
नियम मानने वालों को फूल-माला, नियम तोड़ने वालों को मिली चॉकलेट
कार्यक्रम की खास बात यह रही कि यहाँ दंड नहीं, बल्कि सम्मान और जागरूकता का महत्व दिखा। ट्रैफिक नियमों का सही पालन करने वाले नागरिकों को ‘यमराज’ द्वारा फूल-माला पहनाकर सम्मानित किया गया, जबकि नियम तोड़ने वालों को चॉकलेट देकर उनके भीतर आत्म-अवलोकन की भावना जगाई गई। आयोजकों का कहना था कि मीठे तरीके से याद दिलाया गया संदेश अक्सर सीधे दिल तक पहुंचता है और लंबे समय तक याद रहता है।
यातायात नियम सिर्फ पुलिस की जिम्मेदारी नहीं, हम सबकी है ड्यूटी
अभियान के दौरान चौराहे पर राहगीरों की भारी भीड़ लग गई। कई लोगों ने मोबाइल फोन पर वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा भी किया। ट्रैफिक पुलिस ने इस पहल को बेहद सफल बताया और कहा कि सड़क सुरक्षा सिर्फ नियमों की पाबंदी नहीं, बल्कि जीवन की सुरक्षा है। कार्यक्रम देखने पहुंचे लोगों ने भी माना कि जिम्मेदारी हर नागरिक की है और नियम का पालन करना ट्रैफिक पुलिस के डर से नहीं, बल्कि अपनी और दूसरों की सुरक्षा के लिए होना चाहिए।
जागरूकता ही दुर्घटनाओं की सबसे बड़ी रोकथाम
संस्था के प्रतिनिधियों ने कहा कि उनका लक्ष्य लोगों तक संदेश मज़ेदार और प्रभावी शैली में पहुंचाना है, ताकि लोग न सिर्फ सुनें बल्कि समझें और अपनाएं भी। उन्होंने उम्मीद जताई कि यदि हर व्यक्ति सड़क पर उतरने से पहले जिम्मेदारी निभाए, तो सड़क दुर्घटनाओं में भारी कमी आ सकती है और कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।











