संचार नाउ, ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने औद्योगिक भू-आवंटन के लिए नए और सख्त अर्हतात्मक मानक निर्धारित कर दिए हैं। प्राधिकरण द्वारा तैयार की गई मूल्यांकन प्रणाली में कुल 100 अंकों के आधार पर आवेदनों की जांच की जाएगी, जिसमें प्रस्तावित परियोजना की प्रकृति, निवेश, रोजगार सृजन क्षमता और तकनीकी पक्षों को प्रमुखता दी गई है।
दरअसल, प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य सुनियोजित औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना और पारदर्शी प्रक्रिया से वास्तविक निवेशकों को ही औद्योगिक भूमि प्रदान करना है। नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, आवेदकों को Sunrise Sector और Focus Sector में परियोजना प्रस्ताव देने पर अतिरिक्त अंक मिलेंगे।
प्रक्रिया के ये हैं प्रमुख बिंदु:
- Sunrise और Focus सेक्टर में प्रस्तावित परियोजनाओं को 10 अंक मिलेंगे।
- निवेश क्षमता के आधार पर अधिकतम 10 अंक दिए जाएंगे।
- स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने वाली इकाइयों को 5 अंक तक की रेटिंग मिलेगी।
- पूर्व में स्थापित इकाइयों के विस्तार या तकनीकी उन्नयन वाले प्रस्तावों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- महिला/एससी/एसटी/दिव्यांग निवेशकों को भी विशेष अंक (5 अंक) दिए जाएंगे।
निवेशक होंगे लाभान्वित:
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुण वीर सिंह ने बताया कि भूमि आवंटन की प्रक्रिया अब अधिक पारदर्शी और अंकों के आधार पर प्रतिस्पर्धी होगी। इससे उन निवेशकों को प्रोत्साहन मिलेगा, जो औद्योगिक विकास के साथ-साथ रोजगार और निर्यात में भी योगदान देने वाले हैं।
तकनीकी मूल्यांकन अनिवार्य:
प्रस्तावित परियोजनाओं की तकनीकी क्षमता और वित्तीय स्थायित्व को भी रेटिंग में शामिल किया गया है। वित्तीय सुदृढ़ता, डीपीआर की गुणवत्ता और टर्नओवर के आधार पर 30 अंक तक दिए जा सकते हैं।
प्राधिकरण ने निवेशकों को दिया स्पष्ट संदेश:
इस प्रक्रिया के द्वारा यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने साफ संदेश दिया है कि अब “भूमि उन्हीं को दी जाएगी जो उद्योग लाएंगे, दुकानें नहीं खोलेंगे।” यमुना प्राधिकरण के इस कदम से उम्मीद की जा रही है कि क्षेत्र में गंभीर और दीर्घकालिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा और औद्योगिक माहौल को नया आयाम मिलेगा।