संचार नाउ। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने अपने बकायेदार आवंटियों को बड़ी राहत देते हुए ‘वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी 2025’ (OTS) लागू कर दी है। यह आदेश 1 जुलाई 2025 से 31 अगस्त 2025 तक, केवल दो महीने के लिए प्रभावी रहेगा, जिसमें डिफॉल्टर्स को बकाया भुगतान पर ब्याज और पेनल्टी में बड़ी छूट दी जाएगी।
दरअसल, यमुना प्राधिकरण की यह ‘वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी 2025’ उन आवंटियों के लिए सुनहरा अवसर है जो लंबे समय से डिफॉल्ट में चल रहे हैं। उन्हें सीमित समय में बिना पेनल्टी के अपने बकायों का निपटारा करने का लाभ मिलेगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है और 31 अगस्त 2025 तक ही मान्य होगा।
यह योजना 18 जून 2025 को प्राधिकरण की 85वीं बोर्ड बैठक में पारित की गई थी, जिसमें विभिन्न श्रेणियों जैसे कि औद्योगिक भूखंड, बिल्डर प्रोजेक्ट्स, संस्थागत, व्यावसायिक, रिजर्व भूखंड, डिफॉल्टर्स, ग्रुप हाउसिंग और 250 मीटर स्कीम के तहत आवंटियों को शामिल किया गया है।
योजना की प्रमुख बातें
- योजना में शामिल सभी डिफॉल्टर आवंटियों को बकाया भुगतान पर मूल धनराशि और तयशुदा ब्याज चुकाना होगा। किसी प्रकार की पेनल्टी या अतिरिक्त दंडात्मक शुल्क नहीं लिया जाएगा।
- यदि किसी आवंटी ने पहले कोई भुगतान किया है, तो उसे ओटीएस के तहत समायोजित किया जाएगा।
- यदि किसी कारणवश आवंटी की कुल देय राशि तय राशि से अधिक निकलती है, तो उसे सरप्लस मानते हुए वापस नहीं किया जाएगा।
- आवेदनकर्ता को योजना के अंतर्गत प्रोसेसिंग शुल्क और प्राथमिक धनराशि के साथ आवेदन ऑनलाइन करना होगा।
- आवेदन केवल प्राधिकरण की वेबसाइट www.yamunaexpresswayauthority.com के माध्यम से ही मान्य होगा।
- ऑनलाइन आवेदन के बाद एक माह के भीतर उनका परीक्षण संपत्ति विभाग द्वारा किया जाएगा।
ये होगी भुगतान की सुविधा
₹50 लाख तक की देय राशि पर दो किश्तों में भुगतान की सुविधा दी जाएगी। ₹50 लाख से अधिक राशि के मामलों में 6 किश्तों तक भुगतान की छूट दी जाएगी, जिसमें 10.5% वार्षिक ब्याज लगेगा। यदि कोई आवंटी बार-बार भुगतान में विफल रहता है तो 3% अतिरिक्त ब्याज लगाया जाएगा और ओटीएस योजना स्वतः समाप्त मानी जाएगी।
संपत्ति के प्रकार पर निर्भर होगा प्रोसेसिंग शुल्क
विभिन्न संपत्ति श्रेणियों पर ₹100 से ₹10,000 तक का प्रोसेसिंग शुल्क तय किया गया है। प्राथमिक जमा राशि ₹5,000 से ₹5 लाख तक होगी, जो संपत्ति के प्रकार पर निर्भर करती है। प्राधिकरण द्वारा सभी संबंधित आवंटियों को ईमेल, एसएमएस और अन्य प्रचार माध्यमों के ज़रिए योजना की जानकारी दी जाएगी। योजना की जानकारी के लिए शिविरों और प्रचार अभियानों का आयोजन भी किया जाएगा।