आजमगढ़ में चिल्ड्रेन गर्ल्स कॉलेज में 11वीं की छात्रा श्रेया तिवारी की आत्महत्या मामले में पुलिस की कार्रवाई की खिलाफ स्कूलों की एकजुटता ने रंग दिखाया है। 24 घंटे के अंदर ही आजमगढ़ पुलिस बैकफुट पर दिखाई दे रही है। उसने स्कूल की प्रिंसिपल और टीचर के खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट लगा दी है। इसमें कह दिया कि दोनों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं। ऐसे में प्रिंसिपल और टीचर को कोर्ट से जमानत मिल गई है। गुरुवार सुबह दोनों जेल से रिहा हो जाएंगे।
शहर के हरबंशपुर स्थित चिल्ड्रेन गर्ल्स कालेज में 31 जुलाई की दोपहर छात्रा श्रेया तिवारी ने विद्यालय की तीसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में पुलिस ने पिता ऋतुराज तिवारी की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज की थी। तीन अगस्त को पुलिस ने प्रधानाचार्य सोनम मिश्रा व क्लास टीचर अभिषेक राय को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने दोनों पर आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में चालान करते हुए जेल भेज दिया था।
दोनों के जेल जाते ही यूपी के सभी निजी स्कूलों में आक्रोश फैल गया। पहली बार यूपी के सभी बोर्डों के स्कूलों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई। पुलिसिया कार्रवाई और प्रिंसिपल-टीचर की गिरफ्तारी के खिलाफ आठ अगस्त को सभी स्कूलों को बंद करने का आह्वान किया। इस आह्वान का असर रहा कि पहली बार पूरे यूपी में एक साथ सभी निजी स्कूल बंद रहे। इस दौरान स्कूल के टीचरों और कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन भी किया। बुधवार को मामले की गूंज विधान परिषद में भी सुनाई दी। मामले की जांच एडीशनल एसपी को सौंप दी गई।
स्कूलों की एकजुटता से बैकफुट पर आई पुलिस ने 24 घंटे के अंदर ही रिपोर्ट तैयार की और कोर्ट को बताया कि प्रिंसिपल औऱ टीचर के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला है। सीजेएम ने पुलिस की रिपोर्ट के अवलोकन के बाद बुधवार को आरोपियों की रिहाई के आदेश दिए। देर शाम परवाना जेल पहुंचने के कारण आरोपियों की रिहाई नहीं हो सकी। जेलर विकास कटियार ने बताया कि गुरुवार की सुबह रिहाई होगी।