शाहजहांपुर: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के थाना सिधौंली के नियामतपुर के भावलखेड़ा ब्लाक में स्थित नियामतपुर गांव में 37 सालों से कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। इस गांव के आपसी प्रेम और भाईचारे की चर्चा आसपास के जिलों तक है। इस गांव के आपसी प्रेम और भाईचारे की लोग मिसाल देते हैं। नियामतपुर गांव के प्रधान अभय यादव ने बातचीत में बताया कि उनके गांव के दो मजरे बिजलीखेड़ा और नगरिया बहाव भी हैं। वहीं, नियामतपुर 1400 आबादी वाला गांव है। यहां कृषि अनुसंधान केंद्र और एआरटीओ विभाग का ऑफिस भी है।
वर्तमान प्रधान अभय यादव कहना है कि 1988 में जब हमारे पिताजी यहां के प्रधान बने तो उन्होंने आपसी समझौते से यहां के विवादों को निपटाया। उसके बाद से हमारे गांव में बड़े बुजुर्ग किसी भी विवाद को आपसी बैठक कर के सुलझा लेते हैं। इसी वजह से गांव से कोई भी थाने पर शिकायत लेकर नहीं जाता और न ही हमारे गांव में कोई पुलिस आती है। गांव के लोगों का कहना है कि एक बार गांव में एक ही परिवार के रिश्तेदारों में आपस में झगड़ा हो गया, जिस पर 100 नंबर डायल करके पुलिस आई, तब हमारे प्रधान जी वहां पहुंच गए और हम लोग इकट्ठा होकर पुलिस को मना कर दिया। हम लोगों ने विवाद को सुलझा लिया। हम लोग प्यार-मोहब्बत से रहते हैं और कोई भी बात अगर होती है तो आपसी समझौते से उसको निपटा लेते हैं। हम चाहते हैं कि हमारा गांव इसी तरीके से प्यार-मोहब्बत से रहे। शांतिपूर्वक हम लोग रहना चाहते हैं।
ग्रामवासियों का कहना ऐसा गांव उनको हर जन्म में मिले
ग्रामवासियों ने बातचीत में बताया कि इस गांव में 37 साल से किसी भी विवाद में पुलिस गांव में नहीं आई। इस गांव में मामूली से झगड़ा कभी हो भी जाते हैं, तो बुजुर्गों को कोई साथ बैठकर आपस में निपटा लिया जाता है। यह गांव प्रेम और भाईचारे का प्रतीक बना हुआ है। अगले जन्म में फिर इस गांव में जन्म लेने की इच्छा है।
होली के त्योहार पर 30 साल पहले लिया था संकल्प
होली के त्योहार पर ग्रामवासियों ने संकल्प लिया था कि कोई भी विवाद होगा तो थाने पर नहीं जाएगा। जिसकी वजह से 37 सालों में गांव में पुलिस एक बार भी नजर नहीं आई। संकल्प में यह तय हुआ था कि बुजुर्गों के द्वारा पंचायत कर मामले को निपटाया जाएगा। उसके साथ गांव वासियों ने होली पर शराब न पीने का भी संकल्प लिया था, जिसकी चर्चा पूरे जिले में बनी थी।